नई दिल्ली
प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एकबार फिर तलब किया है। ईडी ने हेमंत सोरेन को पत्र भेज कर हाजिर होने के लिए नई डेड लाइन दी है। साथ ही पूछा है कि वह समन पर हाजिर क्यों नहीं हो रहे हैं। ईडी की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि हेमंत सोरेन 16 से 20 जनवरी के बीच जांच एजेंसी के कार्यालय में अपना बयान दर्ज कराएं। सनद रहे इससे पहले भी ईडी ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में पूछताछ के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तलब करते हुए उन्हें एक पत्र-सह-समन जारी किया था।
ईडी ने उस पत्र में भी सोरेन से जांच अधिकारी को अपनी सुविधानुसार तारीख, स्थान आदि के बारे में जानकारी देने को कहा था ताकि उनका मनी लॉन्ड्रिंग केस में बयान दर्ज किया जा सके। कुल मिलाकर ईडी की ओर से यह आठवीं बार है जब सोरेन को कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया गया है। सोरेन ने पिछली बार सातवें समन- सह- पत्र पर हाजिर होने से परहेज किया था।
ईडी ने सातवें समन की डेड लाइन 31 दिसंबर रखी थी। हेमंत सोरेन कभी ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए हैं। उनको ईडी ने 14 अगस्त को पहला समन भेजा था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी के समन को सुप्रीम कोर्ट और फिर झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ईडी की कार्रवाई से सुरक्षा मांगी थी। हालांकि दोनों अदालतों से उनकी याचिकाएं खारिज हो चुकी है। हर बार हेमंत सोरेन ने ईडी के समन को अनुचित करार दिया है।
ईडी का कहना है कि उसकी जांच झारखंड में माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व में अवैध तरीके से बदलाव से संबंधित है। अब तक इस मामले में 14 लोगों की गिरफ्तारी देखी जा चुकी है। ईडी ने इस मामले में 2011 बैच के आईएएस छवि रंजन को भी गिरफ्तार कर चुकी है। वह पूर्व में राज्य समाज कल्याण विभाग के निदेशक पद पर कार्यरत थे। पिछली बार भेजे समन पर ऐसी आशंकाएं जताई गई थी कि ईडी कभी भी हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर सकती है। ईडी ने भी कहा था कि यदि सोरेन हाजिर नहीं होते तो मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई करने को बाध्य होगी।
पिछली बार सीएम हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन के चलते पैदा हुई राजनीतिक परिस्थिति पर चर्चा के लिए गठबंधन के विधायकों की बैठक भी बुला ली थी। इसमें उन्होंने तात्कालीन परिदृश्य पर विधायकों से फीड-बैक लिया था। इस बैठक में विधायकों ने हेमंत सोरेन के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए कहा था कि विधानसभा में सभी सहयोगी सोरेन के साथ मजबूती से खड़े हैं। मौजूदा सरकार को कोई खतरा नहीं होने दिया जाएगा। सोरेन मुख्यमंत्री बने रहेंगे और उनके नेतृत्व में ही लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा। ऐसी भी अटकलें थी कि गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए हेमंत सोरेन पत्नी को पद सौंपने की तैयारी में हैं लेकिन उन्होंने तमाम अटकलों को खारिज कर दिया था।