गारियाबंद/नई दिल्ली.
अयोध्या में 22 जनवरी को होने जा रहे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए बेहद खास और चुनिंदा लोगों को ही न्योता भेजा गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन मेहमानों में छत्तीसगढ़ की एक ऐसी बुजुर्ग भी शामिल होगी, जो कबाड़ बीनकर अपना गुजारा करती है। भले ही आपको यह जानकर अचरज हो लेकिन यह सच है। आइए हम आपको बताते हैं आखिर ऐसा क्यों और कैसे हुआ है।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्योता पाने वाली सौभाग्यशाली महिला छत्तीसगढ़ के गारियाबंद की रहने वाली हैं। इनका नाम है बिदुला देवी। उनका जीवन बेहद संघर्षों में गुजरा और बुढ़ापे में भी अपना पेट पालने के लिए उन्हें सड़कों पर कबाड़ बीनना पड़ता है। भगवान राम के प्रति उनकी आस्था और समर्पण को देखते हुए उन्हें यह न्योता दिया गया है। बात 2021 की है, जब राम मंदिर निर्माण के लिए देशभर में चंदा एकत्रित किया जा रहा था। विश्व हिंदू परिषद के नेता-कार्यकर्ता छत्तीसगढ़ के गारियाबंद में लोगों से चंदा एकत्रित करने निकले थे। तभी बिदुला की नजर उनपर पड़ी। जैसे ही बुजुर्ग को पता चला कि राममंदिर के लिए चंदा एकत्रित किया जा रहा है उसने उस दिन की हुई कुल कमाई 40 रुपए में से 20 रुपए मंदिर के लिए दान कर दिए।
गारियाबंद के जिला वीएचपी अध्यक्ष शिशुपाल सिंह राजपूत ने इसे 'सबसे छोटी लेकिन सबसे बड़ी रकम बताया।' उन्होंने यह कहानी एक बैठक के दौरान भी विश्व हिंदु परिषद के वरिष्ठ नेताओं के सामने सुनाई थी। अब वीएचपी के राज्य प्रमुख चंद्रशेखर वर्मा ने बिदुला को यह न्योता भेजा है। हालांकि, दुर्भाग्य से बिदुला अभी बीमार हैं और अयोध्या जाने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि स्वस्थ होने के बाद जरूर रामलला के दर्शन के लिए जाएंगी।