गाजा
गाजा स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि गाजा पट्टी पर चल रहे इजरायली हमलों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या बढ़कर 23,357 हो गई है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने बुधवार को एक प्रेस बयान में कहा कि इजरायली सेना ने 24 घंटों के दौरान 147 फिलिस्तीनियों को मार डाला व 243 अन्य को घायल कर दिया।
मंत्रालय ने कहा कि 7 अक्टूबर को इजरायल-हमास संघर्ष शुरू होने के बाद से इजरायली हमलों के परिणामस्वरूप 59,410 फिलिस्तीनी घायल हो गए।
फिलिस्तीनी सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, गाजा पट्टी के अधिकांश हिस्सों में, विशेष रूप से दीर अल-बलाह और खान यूनिस के गवर्नरेट में हवा, जमीन और समुद्र से इजरायली बमबारी जारी रही।
इजरायली सेना के प्रवक्ता अविचाई अद्राई ने घोषणा की कि सेना ने पिछले 24 घंटों के दौरान गाजा पट्टी में 150 से अधिक ठिकानों पर हमला किया।
अद्राई ने कहा कि वायु सेना के जेट विमानों ने मध्य गाजा पट्टी में अल-मगाजी शरणार्थी शिविर में कई आतंकवादियों पर हमला किया, जबकि सेना बलों ने क्षेत्र में 15 से अधिक भूमिगत सुरंगों का खुलासा किया।
उन्होंने कहा,"अल-मगाज़ी में सैन्य इमारतों पर छापे के दौरान, बलों को रॉकेट चालित ग्रेनेड, रॉकेट, ड्रोन और विस्फोटक सामग्री लॉन्च करने के लिए मंच मिले।"
इजरायल की बमबारी में कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई। हमास के मीडिया कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक अल-अक्सा शहीद अस्पताल से सटे एक घर को निशाना बनाकर बम विस्फोट किया गया। हमले में एक पत्रकार अहमद बदीर की भी मौत हो गई, जिसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बच्चों और महिलाओं सहित नागरिकों के खिलाफ इजरायली सेना द्वारा छेड़े गए युद्ध को रोकने का आह्वान किया था।
बयान में कहा गया कि अल-बाला के प्रवेश द्वार पर एक एम्बुलेंस को लक्ष्य कर किए गए हमले में फिलिस्तीन रेड क्रिसेंट सोसाइटी (पीआरसीएस) एम्बुलेंस के चालक दल के कम से कम चार सदस्य मारे गए। गाजा स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार कहा कि पिछले 24 घंटों में गाजा पट्टी पर इजरायली हमलों में कम से कम 147 फिलिस्तीनी मारे गए। इसके बाद सात अक्टूबर, 2023 से चल रहे संघर्ष में एन्क्लेव में इजरायल की ओर से किए गए हमलों में मरने वालों की संख्या 23,357 हो गई।
उल्लेखनीय है कि हमास ने सात गत वर्ष सात अक्टूबर को इजरायल की सीमा में घुस कर और गाजा पट्टी से बड़े पैमाने पर रॉकेट के जरिए हमला किया था, जिसमें 12 सौ इजरायली मारे गए थे।