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भाजपा के इन सांसदों को क्या मिल पाएगा दोबारा टिकट? ‘मार्गदर्शक मंडल’ में होंगी नई एंट्रियां

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लखनऊ
लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। अगले साल होने वाले इस बड़े चुनाव में भारतीय जनता पार्टी अपने कई सांसदों का टिकट काट सकती है। उत्तर प्रदेश में 80 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही पार्टी के इस नियम के दायरे में प्रदेश के कई दिग्गज नेता आ सकते हैं। इसमें संतोष गंगवार, रीता बहुगुणा जोशी, जगदंबिका पाल, रमापति राम त्रिपाठी और हेमा मालिनी भी शामिल हैं, जो लोकसभा चुनाव के वक्त या फिर उसके एक या दो साल के अंदर ही 75 की उम्र पार करने वाले हैं।

 

अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके संतोष गंगवार 1 नवंबर 1948 को पैदा हुए। इस हिसाब से  होने वाले लोकसभा चुनाव में उनकी उम्र 75 साल से ज्यादा हो जाएगी। ऐसे में बरेली से सांसद संतोष गंगवार को भाजपा इस बार टिकट देगी या नहीं, इस पर संशय है। इस क्रम में दूसरा नाम रीता बहुगुणा जोशी का है। 22 जुलाई 1949 को जन्मीं जोशी अगले साल जुलाई में 75 साल की हो जाएंगी। ऐसे में उन्हें भी 75 पार नेताओं की ही लिस्ट में रखा जा सकता है। उनकी जगह पर योगी सरकार के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को लोकसभा चुनाव लड़ाने की चर्चाएं भी जोरों पर हैं ही।

उत्तर प्रदेश के कानपुर से सांसद सत्यदेव पचौरी 76 साल के हैं। 12 अगस्त 1947 को जन्मे पचौरी उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं। डुमरियागंज से सांसद जगदंबिका पाल अगले साल 74 साल के होंगे। बुजुर्ग नेताओं की लिस्ट में वह भी शामिल हैं। ऐसे में उनके टिकट पर भी संदेह के बादल मंडरा रहे हैं। 16 October 1948 को जन्मीं फिल्म ऐक्ट्रेस और मथुरा से सांसद हेमा मालिनी 75 साल की हैं। अगले साल अक्टूबर में वह 76 साल की होंगी।

मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल भी इस लिस्ट में शामिल हैं। उनकी उम्र 72 साल है। फिरोजाबाद सांसद चंद्रसेन जादौन (73 वर्ष), देवरिया सांसद रमापति राम त्रिपाठी (72 साल) भी इस लिस्ट में शामिल हो सकते हैं। इतना ही नहीं, केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी 72 साल के हैं। ऐसे में उन्हें लेकर भी पार्टी कोई बड़ा फैसला ले सकती है। हालांकि, बीजेपी की ओर से इस संबंध में कोई पुष्टि जारी नहीं की गई है। हो सकता है, नए सियासी माहौल और ताजा रणनीति के आधार पर बीजेपी अपने इस नियम पर थोड़ा लचीला रुख अपनाए।

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