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रामलला की प्राण-प्रतिष्‍ठा वाले दिन 22 जनवरी को छत्तीसगढ़ में बंद रहेंगे सभी स्कूल-कॉलेज

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रायपुर
 राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन यानी 22 जनवरी को छत्तीसगढ़ के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूल, कॉलेजों में छुट्टी रहेगी। छत्तीसगढ़ के धर्मस्व, पर्यटन,संस्कृति एवं शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान यह घोषणा की। इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार इस तरह का फैसला ले चुकी है।

मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के तहत छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को श्री राम लला दर्शन योजना के तहत अयोध्या ले जाया जाएगा। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार रेलवे से अनुबंध करके एक ट्रेन बुक करेगी, जो हफ्ते में एक दिन चलेगी।

ट्रेन में एक बार में 850 से 1000 श्रद्धालु अयोध्या जाएंगे

उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि इस ट्रेन में एक बार में 850 से 1000 श्रद्धालु अयोध्या जाकर भगवान राम के दर्शन करने जाएंगे। ट्रेन में बुजुर्गों और दिव्यांगों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। उनके साथ सहायक को जाने की जाने की परमिशन होगी।ट्रेन में डॉक्टर भी तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही जिस जिले से श्रद्धालु दर्शन के लिए जाएंगे वहां कोई जानकार व्यक्ति भी जायेगा। श्रद्धालुओं के रहने और खाने की व्यवस्था शासन की रहेगी।

ब्लॉक स्तर पर प्रमुख मंदिरों में सुबह आरती और पूजा

अग्रवाल ने कहा कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी के ऐतिहासिक पल को यादगार बनाने के लिए छत्तीसगढ़ के सभी जिलों और ब्लॉक स्तर पर प्रमुख मंदिरों में सुबह आरती, पूजा और भजन का आयोजन किया जाएगा। वहीं, इस दिन शाम को नदी या तालाब के किनारे गंगा आरती का आयोजन किया जाए और रौशनी की जाएगी।

मकर संक्रांति पर राजधानी में होगा पतंग उत्सव

मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आगे कहा, मकर संक्रांति के अवसर पर राजधानी रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन परिसर में भव्य पतंग उत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए राज्य के साथ-साथ अन्य राज्यों के भी पतंगबाजों को आमंत्रित किया जाएगा। पतंग महोत्सव को भव्य और आकर्षक रूप देने के लिए दर्शकों और आम नागरिकों के लिए लोक कलाकारों द्वारा गीत-संगीत का भी आयोजन किया जाएगा।
श्रीराम वनगमन पथ के वास्तविक स्वरूप का होगा कायाकल्प

बृजमोहन ने कहा कि राज्य सरकार भगवान राम वनगमन पथ को उसके वास्तविक स्वरूप को ध्यान में रखकर काम करेगी। उन्होंने गरियाबंद जिले के भूतेश्वर महादेव, जतमई घटारानी, शिवमहापीठ, सिरकट्टी आश्रम और कोपरा के कोपेश्वर महादेव को ट्रॉयबल परिपथ के रूप में विकसित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसके लिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए गए हैं।

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