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विपक्ष का कहना है की वोट डालने के बाद हर वोटर को उसकी वीवीपैट स्लिप मिलनी चाहिए

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नई दिल्ली
विपक्ष लगभग सभी चुनाव के बाद ईवीएम पर जरूर सवाल उठाता है। INDIA गठबंधन के दलों ने कई बार चुनाव आयोग को पत्र लिखकर ईवीएम को लेकर चिंता जताई है। विपक्ष का कहना है कि वोट डालने के बाद हर वोटर को उसकी वीवीपैट स्लिप मिलनी चाहिए। अब इसपर चुनाव आयोगी की तरफ से भी पत्र जारी करके जवाब दिया गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश को जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने कहा है कि ईवीएम का प्रयोग न्यायशास्त्र के अनुकूल, लोकतांत्रिक व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए शुरू किया गया था। यह हर तरह से कानून के दायरे के अंदर है और इससे निष्पक्ष चुनाव कराना आसान हो जाता है ।

प्रधान सचिव प्रमोद कुमार शर्मा की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है. भारत के चुनाव में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम भारत सरकार ने न्यायशास्त्र और 40 साल के न्यायिक आदेशों को ध्यान में रखते हुए शुरू किया थखा। पत्र में यह भी कहा गया कि कई बार ईवीएम और वीवीपैट के खिलाफ कोर्ट में भी याचिका फाइल की गई है हालांकि दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने ही याचिकाकर्ताओं पर जुर्माना लगाने के साथ ही याचिका भी खारिज कर दी थी।

19 दिसंबर के प्रस्ताव में विपक्षी दलों ने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग को एक मेमोरेंडम दिया था। इसमें कहा गया था कि वीवीपैट मशीन में दिखाई देने वाली स्लिप वोटर को दे देनी चाहिए और इसके दूसरे बॉक्स में डलवा देना चाहिए। इसके बाद सभी वीवीपैट की भी गिनती होनी चाहिए और इसे ईवीएम के साथ मैच काना चाहिए। इसके बाद 30 दिसंबर को जयराम रमेश ने चुनाव आयोग को पत्र भेजा था।

बता दें कि फिलहाल वोटर वेरिफाइएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) की पांच रसीदों को चुना जाता है और इसे ईवीएम के साथ मैच कराया जाता है। विपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने कहा था कि सैंपल में अगर कोई मिसमैच नहीं पाया जाता है तो यह समझा जाता है कि ईवीएम बिल्कुल सही काम कर रही थी। इसके अलावा ईवीएम के प्रयोग से चुनाव की प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नहीं पडडा है। चुनाव आयोग ने कहा था कि अब तक कुल 38156 वीवीपैट को मैच किया जा चुका है लेकिन कोई भी मिसमैच नहीं हुआ है।

ईसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 2013 के फैसले के बाद ही वीवीपैट को लागू किया गया था। उस समय के सीजेआई पी सदाशिवम और जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि पेपर ट्रेल इस बात को प्रमाणित करता है कि निष्पक्ष चुनाव हो रहे हैं। ईवीएम और वीवीपैट सिस्टम चुनावी प्रक्रिया में सटीकता को दिखाता है।

चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि वीवीपैट एक थर्मल पेपर का होता है जो कि पांच साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है। स्लिप पर कैंडिडेट का सीरियल नंबर, उसका नाम, पार्टी और चुनाव निशान होता है। इसके अलावा इसपर एक वीवीपैट आईडी भी होती है।

 

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