नई दिल्ली
एनसीपी मुखिया शरद पवार के करीबी और उनके पोते रोहित पवार की कंपनी बारामती एग्रो पर ईडी ने छापेमारी की है। शुक्रवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय की टीमें बारामती एग्रो के परिसर पहुंचीं और जांच की। एजेंसी का कहना है कि बारामती एग्रो के परिसरों में यह जांच महाराष्ट्र स्टेट कॉपरेटिव बैंक घोटाले को लेकर की गई है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है। बारामती एग्रो के खिलाफ यह जांच पुणे, बारामती, औरंगाबाद और अमरावती समेत 6 जगहों पर हुई है। यही नहीं सर्च के दौरान बारामती स्थित कंपनी के परिसर को कवर कर दिया गया था। शरद पवार की फैमिली के खिलाफ ईडी की यह जांच उस समय हुई है, जब उनके भतीजे अजित पवार डिप्टी सीएम हैं। यह जांच 2019 में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की ओर से दर्ज किए गए केस में हुई है। दरअसल पिछले साल 22 अगस्त को बॉम्बे हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि राज्य के सहकारी सेक्टर की शुगर फैक्ट्रीज को जिस तरह से बेचा गया है, उसकी जांच होनी चाहिए। अदालत ने सुनवाई के दौरान बिक्री की कीमत पर भी टिप्पणी की थी। अदालत में सवाल उठा था कि आखिर इन्हें औने-पौने दामों पर क्यों बेचा गया।
'टारगेट का क्या है, कुछ भी तय करो, पर माहौल भाजपा के खिलाफ'
इस बीच एनसीपी चीफ शरद पवार का कहना है कि लोकसभा चुनाव में हालात भाजपा के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भले ही भादपा 400 सीटों का टारगेट तय कर लिया है और उसे इसका हक भी है, लेकिन स्थिति उसके खिलाफ है। शिरडी में उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता में है। वह आक्रामक अभियान भी चला सकते हैं। भाजपा की तो प्रोपेगेंडा मशीन है, जो जर्मनी में हिटलर की तरह से काम कर रही है। वे 543 में से 400 सीटें जीतने का टारगेट भी तय कर ही सकते हैं, लेकिन ऐसा कुछ संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, दिल्ली, पंजाब, बंगाल, बिहार और झारखंड में सत्ता में नहीं है।
महाराष्ट्र में सिर्फ कांग्रेस ही विपक्ष में एकजुट, बाकी दोनों में फूट
गौरतलब है कि एनसीपी चीफ शरद पवार INDIA अलायंस के अहम चेहरे हैं। हालांकि अब उनकी ही पार्टी में बंटवारा हो गया है और ज्यादातर सांसद एवं विधायक अजित पवार के पक्ष में हैं। ऐसे में कांग्रेस से सीटों को लेकर उनकी क्या डील हो पाती है, यह देखना होगा। फिलहाल महाराष्ट्र में विपक्ष में कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है, जो एकजुट है। उद्धव सेना और एनसीपी में तो दो धड़े हैं, जिनमें से एक सत्ता का हिस्सा है तो दूसरा विपक्ष में बैठा है।