कांकेर.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार को विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत छत्तीसगढ़ में आयोजित किए जा रहे शिविरों में योजनाओं की जमीनी हकीकत जानी। इस दौरान उत्तर बस्तर कांकेर जिले के हितग्राहियों से वर्चुअली बातचीत की। प्रधानमंत्री ने पूछा कि कौन सी ऐसी योजना है, जिससे आपने सबसे अधिक लाभ उठाया है। इस पर एक हितग्राही ने कहा कि वनधन योजना का लाभ उठाया है। हम महुआ से लड्डू बना रही हैं। साथ ही आंवला का अचार भी बना रही हैं।
प्रधानमंत्री ने पूछा कि इसे किस तरह से बेचते हैं। इस पर कांकेर के भानुप्रतापपुर के भानबेड़ा की हितग्राही भूमिका भूआर्य ने बताया कि संजीवनी के माध्यम से इसकी बिक्री होती है। 700 रुपए प्रति किलो लड्डू बेचते हैं, यह स्वास्थ के लिए बेहतर होता है। इस पर पीएम ने चुटकी लेते हुए कहा कि कुछ लोग तो महुआ का दूसरा उपयोग करते हैं। इस पर भूमिका ने तपाक से मुस्कुराते हुए कहा कि इसलिए ही तो हम इसके लड्डू बना रहे हैं। प्रधानमंत्री ने भूमिका को शाबासी दी। उन्होंने कहा कि अब महुआ से आजीविका भी आ रही है और स्वास्थ्य के लाभ भी हासिल हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आप जैसे जागरूक लोगों की वजह से हमारा आदिवासी समाज बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे विशेष रूप से यह अच्छा लगा कि बिना किसी अड़चन के आप लोगों को योजनाओं का लाभ मिल रहा है। विशेष रूप से यह अच्छा लगा कि वनधन केंद्र आप जैसे जागरूक नागरिकों की वजह से बहुत अच्छे चल रहे हैं।
आदिवासी क्षेत्रों में चल रही कई योजनाएं
विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत ग्राम मनकेसरी में आयोजित शिविर में योजनाओं के लाभार्थियों को संबोधित करते पीएम मोदी ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में निवासरत लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने कई योजनाएं बनाई गई हैं। सरकार आम लोगों के विकास के लिए कटिबद्ध है। उन्हें प्रसन्नता है कि उनकी सरकार को आदिवासी समाज के निचले स्तर पर जाकर काम करने का मौका मिला। सहयोगियों की ओर से कैबिनेट में गहन मंथन के बाद जनकल्याण के लिए योजनाएं तैयार की जाती हैं। दिल्ली में बनी यह योजनाएं कुशलता से जमीनी स्तर पर किस तरह से क्रियान्वित की जा रही हैं। विकसित भारत संकल्प यात्रा भी आयोजित की जा रही है। उत्तर बस्तर के ग्रामीण क्षेत्रों में केंद्र की ओर से चलाई जा रही अनेक योजनाओं का किस तरह असर हुआ है। उन्होंने कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर के भानबेड़ा की हितग्राही भूमिका भूआर्य से ग्राम मनकेसरी में हुए कार्यक्रम में वर्चुअल संवाद किया। भूमिका ने बताया कि उसने बीएससी प्राइवेट किया है और यहां अपने गांव के 29 समूहों में से एक समूह से जुड़ी हुई हैं। प्रधानमंत्री ने भूमिका से पूछा कि उसे केंद्र सरकार की किन योजनाओं का लाभ मिला है। भूमिका ने बताया कि उसे वनधन योजना, उज्ज्वला योजना, नल जल, शौचालय, राशन कार्ड, किसान सम्मान निधि, दो साल का बोनस आदि सभी योजनाओं का लाभ मिला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको तो सभी योजनाओं से मिला लाभ याद है। भूमिका ने कहा कि आपसे जो मिला है, उसे कैसे भूल सकते हैं।
पीएम ने किया आह्वान- बेटियों को पढ़ाएं
प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सभी से बात करके हमें काम करने की और हिम्मत आ जाती है। प्रधानमंत्री ने पूछा कि आपको इतनी सारी योजनाओं का पता कैसे चला और इन्हें प्राप्त करने में किसी तरह की तकलीफ नहीं हुई। भूमिका ने बताया कि इन्हें प्राप्त करने में कोई अड़चन नहीं आई, मम्मी पापा से मुझे यह जानकारी मिली। प्रधानमंत्री ने पूछा कि आपका छोटा भाई क्या करता है। भूमिका ने बताया कि वो कालेज में है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आपके माता-पिता को प्रणाम करता हूं, जिन्होंने आप दोनों बच्चों को पढ़ाया। मैं जानता हूं कि बस्तर की जिंदगी कैसी है। आपके माता-पिता प्रणाम करने योग्य हैं, जिन्होंने बेटी को पढ़ाया और उसे पढ़ने भेजा। मैं यहां बैठी सभी माताओं को कहता हूं कि अपनी बेटियों को पढ़ाएं।
बिरसा मुंडा भगवान की जन्मस्थली से शुरू की पीएम जनमन योजना
प्रधानमंत्री ने बताया कि विशेष पिछड़ी जनजाति को केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ पूरी तरह से हो सके, इसके लिए हमने भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली से ‘‘पीएम जनमन योजना‘‘ शुरू की है। संभवतः 15 जनवरी को मैं ऐसे समूह के साथ मिलूंगा भी। भगवान बिरसा मुंडा के आशीर्वाद से मुझे आदिवासी भाई-बहनों की सेवा का मौका मिला है।
‘मेरी कहानी मेरी जुबानी'
बता दें विकसित भारत संकल्प यात्रा में जुड़ रहे लाखों लोग केंद्र सरकार की योजनाओं से उठाये लाभ की कहानी ‘‘मेरी कहानी मेरी जुबानी‘‘ के माध्यम से सुना रहे हैं। दिल्ली से बनी योजनाएं बस्तर तक पूरी तरह से पहुंच रही हैं और भानबेड़ा जैसे छोटे गांव की बेटियाँ भी इनसे सशक्त हो रही हैं, जिनके सशक्तिकरण को वर्चुअल संवाद के माध्यम से देशभर ने सुना।