मुंगेली/ करीब 34 महीने पूर्व मुंगेली जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने कोतवाली थाने में जनपद पंचायत के विभिन्न योजनाओं के करीब 230 फाइलें गायब होने की लिखित शिकायत की थी, जिससे बड़ा बवाल मचा हुआ था। सबसे महत्वपूर्ण बात यह हैं तत्कालीन जनपद सीईओ द्वारा तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ के निर्देशन में थाने में लिखित शिकायत कर रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की गई थी, परंतु इस मामले में क्या कार्यवाही हुई कहना मुश्किल हैं। जनपद पंचायत मुंगेली से करीब 230 फाइलें गायब होना लापरवाही नहीं बल्कि किसी बड़े भ्रष्टाचार के संकेत मिल रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार तत्कालीन जनपद पंचायत के सीईओ ने प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम और मुख्यमंत्री समग्र विकास के साथ-साथ अन्य कई योजनाओं के गायब हुए फाइलों की लिखित शिकायत थाने में की गई थी, जिसमें विभाग के एक कर्मचारी का नाम भी उल्लेख किया गया था, परंतु आज दिनांक तक इसमें क्या कार्यवाही हुई पता नहीं चल पाया हैं। और अधिकारी भी जवाब देने से बच रहे हैं।
मुंगेली जनपद पंचायत के तत्कालीन सीईओ द्वारा विभिन्न योजनाओं के संधारित मूल नास्तियाँ एवं माप पुस्तिका, फाईल नहीं मिलने के संबंध में संबंधित कर्मचारियों के ऊपर की गई समस्त कार्यवाहियों, गायब हुए इन मूल नस्तियों के न मिलने की शिकायत व किये गए समस्त पत्र व्यवहार के संबंध में मुंगेली जनपद पंचायत के सीईओ व जनसूचना अधिकारी के समक्ष 3 आवेदनों में अधिवक्ता स्वतंत्र तिवारी द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई थी, परंतु जनपद सीइओ द्वारा निर्धारित समय सीमा बीत जाने के बाद कोई जानकारी नहीं दिया गया, जिसके बाद अधिवक्ता स्वतंत्र तिवारी ने जिला पंचायत मुंगेली में प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष प्रथम अपील किया गया, जिसके बाद जिला पंचायत ने 21/12/2023 को सुनवाई रखा गया, सुनवाई में अपीलार्थी स्वतंत्र तिवारी और जनपद पंचायत के जनसूचना अधिकारी सीईओ के प्रतिनिधि के रूप में जनपद पंचायत के रामकुमार दीक्षित उपस्थित हुए। जानकारी नहीं देने पर जनसूचना अधिकारी के प्रतिनिधि को प्रथम अपीलीय अधिकारी के प्रतिनिधि द्वारा जमकर फटकार भी लगाई गई। सुनवाई में जनसूचना अधिकारी सीईओ के प्रतिनिधि द्वारा जानकारी प्रदान करने एक सप्ताह का समय मांगा गया, जिसके बाद प्रथम अपील की द्वितीय सुनवाई 29/12/2023 को रखा गया। इस दिनांक को जनपद सीईओ के प्रतिनिधि के रूप में आये जनपद के कर्मचारी रामकुमार दीक्षित द्वारा बताया गया कि नास्तियाँ नहीं मिलने के कारण सूचना के अधिकार के तहत जानकारी दिया जाना संभव नहीं हैं, ऐसा जवाब सुन प्रथम अपीलीय अधिकारी के प्रतिनिधि ने उन्हें जमकर फटकार लगाई, तथा प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व जनसूचना अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर 3 दिन में स्पष्टीकरण देने कहा गया हैं। साथ ही आवेदक अधिवक्ता स्वतंत्र तिवारी ने बताया कि इस मामले की द्वितीय अपील एवं शिकायत राज्य सूचना आयोग में की जाएगी।
जिस कर्मचारी के खिलाफ फाईल गायब करने थाने में हुई शिकायत…उसी कर्मचारी को CEO ने बनाया अपना प्रतिनिधि…
आपको बता दे कि जनपद पंचायत मुंगेली के 230 फाइल गायब हो जाने की शिकायत तत्कालीन सीईओ द्वारा कोतवाली में की गई थी जिसमें कर्मचारी रामकुमार दीक्षित के प्रभार की कई योजनाओं की संधारित मूल नास्तियाँ एवं माप पुस्तिका न मिलने का उल्लेख किया था जिसके प्रभार वाले कर्मचारी रामकुमार दीक्षित का नाम उल्लेख था, सूचना के अधिकार के तहत जब इस फाइल गायब मामले की जानकारी मांगी गई तो जनपद द्वारा जानकारी नहीं दिया गया और प्रथम अपील सुनवाई में उसी विवादित कर्मचारी रामकुमार को CEO ने अपना प्रतिनिधि बनाकर भेज दिया, जो कि संदेहास्पद माना जा रहा हैं। अब मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री से मामले की पूरी जांच करने शिकायत पत्र भेजे जाने की जानकारी मिली हैं।