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कला-केंद्र अब भगवान भरोसे…जिम्मेदार अधिकारी हुए लापरवाह…अंधेरे और अव्यवस्थाओं से जूझता कला-केंद्र…बच्चों को तकलीफ, पालकों में आक्रोश…

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मुंगेली/ लगभग वर्ष भर पहले बहुत ही साज सज्जा से मुंगेली के कृषि उपज मंडी प्रांगण में जिला प्रशासन द्वारा कला-केंद्र खोला गया था, जहां बच्चों को गायन, वादन, नृत्य सहित कई सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय करते हुए उनके प्रतिभा को उभारना मुख्य उद्देश्य था, परंतु आज यह कला-केंद्र अपनी बदहाली पर आँसू बहा रहा हैं, जिसका मुख्य कारण इस कला केंद्र को संचालित, मोनिटरिंग के लिए जिन अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई हैं असल में वे इतने लापरवाह हो गए हैं कि वे कला केंद्र की मॉनिटरिंग नहीं कर रहे हैं, और कर भी रहे हैं तो केवल औपचारिक मात्र। हाल ही में कला केंद्र में संगीत सीखने वाले बच्चों के अभिभावकों ने भी नाराजगी जाहिर करते हुए बताया कि कृषि उपज मंडी के अंदर खुले कला केंद्र में काफी दिनों से अंधेरा छाया हुआ हैं, शाम होते ही बाहर और परिसर में अंधेरा छा जाता हैं जिससे बच्चों और अभिभावकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। अंधेरे का कारण पता किया गया तो पता चला कि कला केंद्र के ठीक सामने बाहर लगे बड़े लाईट की तार मंडी भीतर आने वाले वाहनों से टकरा कर टूट गया हैं, मंडी होने की वजह से यहाँ भारी और बड़े वाहनों का आवागमन आये दिन लगे रहता हैं जिससे बाहर के लाइट का तार टूट गया हैं, ऐसे में कभी किसी के साथ कुछ दुर्घटना होने की भी संभावना हैं, साथ ही कला केंद्र के अंदर परिसर में भी लगे बड़े कई लाईट्स बन्द हैं जिससे अंधेरा सा दिखाई देता हैं, साथ ही कई दिनों से सफाई भी नहीं हो रही हैं, ऐसे में यहाँ संगीत सीखने आने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों को बहुत परेशानी हो रही हैं, मिली जानकारी के अनुसार नगर पालिका को इन परेशानियों से अवगत भी कराया जा चुका था बावजूद इसके कोई ध्यान नहीं दिया गया, कला केंद्र में लाईट्स रिपेयरिंग, सफाई सहित अव्यवस्थाओं पर जिला प्रशासन को तत्काल संज्ञान लेने की आवश्यकता हैं। साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों को कला केंद्र की लगातार मोनिटरिंग की जानी चाहिए।