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हिट एंड रन के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल, पेट्रोल पंप पर लगी वाहनों की कतार

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रायगढ़
केंद्र सरकार द्वारा हिट एंड रन मामले में नया कानून पारित करने की मुखालफत तेज हो गई है। ट्रक चालकों ने नियम में संसोधन नहीं होने पर खुद को असहज बताते हुए आज 1 जनवरी से 3 रोज तक हड़ताल का ऐलान किया है। दरअसल, हिट एंड रन केस को लेकर केंद्र सरकार नया कानून लाई है। इसके दो प्रावधानों को लेकर ट्रांसपोर्टरों ने विरोध शुरू कर दिया है। जैसा कि वर्तमान में चालक की थाने से जमानत हो जाती है और अधिकतम दो साल की सजा है। जबकि, संशोधित कानून में वाहन ड्राईवर को अधिकतम 10 साल की सजा और 7 लाख जुर्माने का नया कानून पारित किया गया है।

नए साल से लागू होने वाले प्रावधान को लेकर ट्रांसपोर्ट उद्योग से जुड़े लोग परेशान हैं। ट्रांसपोर्टरों की परेशानी यह है कि इस कानून के कारण ड्राइवर काम छोड़ रहे हैं। पहले से ही ड्राइवरों की कमी से जुझ रहे उद्योग पर नए कानून के बाद ड्राइवर का संकट आने वाला है। ट्रांसपोर्ट कारोबार से जुड़े ट्रक चालक हंसराज सिंह बताते हैं कि नए कानून के कारण देश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देने वाले ट्रक ड्राइवर आशंकित हैं। ड्राइवरों ने गाडिय़ां चलाने से मना करना शुरू कर दिया है। इससे आने वाले वर्षों में ट्रांसपोर्ट सेक्टर बिना ड्राइवर के खत्म हो जाएगा।

उन्होंने यह भी बताया कि ड्राइवर हादसा होने के बाद मोटर छोडकर नहीं जाते हैं, लेकिन भीड़ से बचने के लिए ट्रक छोड़कर जाना पड़ता है। जनाक्रोश के चलते चालकों की जान तक चली जाती है। ऐसे में सरकार को यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि दुर्घटना के बाद नहीं भागने वाले ट्रक चालक को भीड़ के कोपभाजन से बचाने के लिए भी कारगर उपाय हो। बहरहाल, हिट एंड रन कानून के विरोध में ट्रक चालक नए साल के पहले रोज से 3 जनवरी तक देशव्यापी हड़ताल कर प्रदर्शन करेगा। ऐसे में ट्रांसपोर्ट व्यवस्था के बुरी तरह प्रभावित होने से इंकार नहीं किया जा सकता।

नए कानून को लेकर जगह-जगह विरोध शुरू हो गया है. बैतूल में केंद्र सरकार की ओर से हिट एंड रन मामलों को लेकर लाए गए नए कानून का ट्रक चालकों ने विरोध शुरू कर दिया है. आज बैतूल में ट्रक चालकों की यूनियन ने नए कानून के विरोध में ट्रकों को खड़ा कर शहर में रैली निकाल प्रदर्शन किया और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

'ड्राइवर जानबूझकर नहीं करते एक्सीडेंट'
दरअसल, सरकार द्वारा किए गए संशोधन के तहत सड़क हादसे के बाद मौके से भागने वाले चालक को 10 साल की सजा और 8 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान किया जा रहा है. ड्राइवरों की मांग है कि सरकार इस काले कानून को वापस ले. ऐसा नहीं होने पर ड्राइवर स्टेयरिंग छोड़ हड़ताल करने मजबूर होंगे. ड्राइवरों के अनुसार एक्सीडेंट की घटना ड्रायवर कभी भी जानबूझकर नहीं करते हैं.

कई बार जान तक ले लेती है भीड़
ड्राइवरों ने बताया कि घटना के बाद मौके से नहीं भागे तो जमा हुई भीड़ ड्राइवरों को मारपीट करने सहित कई बार जान तक ले लेती है. वहीं दूसरी ओर सरकार द्वारा जो जुर्माना और सजा का प्रावधान किया है वह गरीब ड्राइवर कहां से भरेंगे और दस सालों की सजा होने पर परिवार का भरण पोषण कैसे होगा. ड्राइवर यूनियनों ने सामूहिक रूप से नए कानून में संशोधन करने की मांग की है.

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