नई दिल्ली/मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 की अंतिम मौद्रिक नीति समीक्षा (एमपीसी) बैठक में रेपो दर को 5.15 फीसदी पर यथावत रखा। आरबीआई ने एमपीसी की बैठक के नतीजों की गुरुवार को घोषणा करते हुए कहा कि जब तक संभव है, वह नीतिगत रुख को उदार बनाए रखेगा। आरबीआई ने लगातार दूसरी बैठक में रेपो दर को स्थिर रखा है।
आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ 6 फीसदी रहने का अनुमान जारी किया है। साथ ही पहली छमाही में खुदरा महंगाई दर का अनुमान बढ़ाकर 5 फीसदी से 5.4 फीसदी किया है। गौरतलब है कि खाने-पीने की वस्तुओं के रेट ज्यादा बढ़ने की वजह से दिसम्बर में खुदरा महंगाई दर7.35 फीसदी पर पहुंच गई। ये साढ़े पांच साल में सबसे ज्यादा है।
रिजर्व बैंक ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति के सभी 6 सदस्यों ने रेपो दर यथावत रखने का पक्ष लिया। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने फरवरी 2019 से अक्टूबर 2019 के बीच रेपो दर में 1.35 फीसदी की कटौती की थी।