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क्रिकेटर से DSP बने जोगिंदर शर्मा पर FIR, युवक को सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप

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हिसार

हरियाणा पुलिस ने पूर्व क्रिकेटर जोगिंदर शर्मा और पांच अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह मामला हिसार निवासी एक युवक की आत्महत्या के संबंध में है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, हिसार के डाबरा गांव के रहने वाले 27 साल के पवन ने संपत्ति विवाद में कथित तौर पर दबाव के चलते 1 जनवरी की रात को अपने घर में छत के पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी।

मृतक पवन का बुधवार को पोस्टमॉर्टम किया गया, लेकिन उनके परिवार के सदस्यों ने शव लेने से इनकार कर दिया। पवन के परिजन ने मांग की कि आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए। अमर उजाला के मुताबिक, जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम हाउस के पास डाबरा गांव के निवासी पवन के हत्यारोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर हैं।

हिसार के एएसपी राजेश कुमार मोहन ने बताया कि 6 आरोपियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और एससी-एसटी एक्ट की धारा जोड़कर मामला दर्ज किया गया है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पहले वाले मामले की फिर से जांच करवाई जाएगी।
जोगिंदर समेत 6 पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज

पवन की मां सुनीता की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए हिसार के पूर्व डीएसपी जोगिंदर शर्मा और अन्य अजयबीर, ईश्वर झाझरिया, प्रेम खाटी, अर्जुन और राजेंद्र सिहाग के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया। राजेंद्र सिहाग एक हॉकी कोच हैं, जबकि जोगिंदर शर्मा पूर्व क्रिकेटर हैं।

सुनीता ने बताया कि उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं और सभी अविवाहित हैं। पवन सबसे बड़ा था। सुनीता ने अपनी अर्जी में कहा कि आरोपी पिछले कुछ वर्षों से उनके परिवार को परेशान कर रहे थे। जिस घर में वह रहती हैं, उस घर को लेकर हिसार की एक कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा लंबित है। मुकदमे के कारण ही पवन तनाव में रहता था।
मकान खाली करने की धमकी दी थी

सुनीता ने आरोप लगाया कि एक सप्ताह पहले अजयबीर और उनका बेटा अर्जुन खेत में पवन से मिले थे और मकान खाली करने को कहा था। इस धमकी से ही परेशान होकर उनके बेटे ने पंखे से तार का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली।

सुनीता ने यह भी कहा कि 6 अक्टूबर 2020 को उन्होंने आजाद नगर पुलिस स्टेशन में जोगिंदर को छोड़कर सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी) और 34 और एससी/एसटी अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज की थी। तत्कालीन डीएसपी जोगिंदर ने मामले की जांच की थी और इसलिए उन्हें उसकी जाति के बारे में जानकारी थी।
बेटी भी कर चुकी है आत्महत्या की कोशिश

सुनीता की एफआईआर के मुताबिक, सभी आरोपी 6 नवंबर, 2020 को उनके घर आए और उनकी बेटी कविता को धमकी दी। कविता ने इसके बाद तनाव में आकर 9 नवंबर को चूहे मारने वाली दवा खा ली। कविता का एक अस्पताल में इलाज हुआ। उसे 12 नवंबर को अस्पताल से छुट्टी दी गई। सुनीता ने आरोप लगाया कि जब डराने-धमकाने की शिकायत पुलिस से की गई थी, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी।
पवन के परिजन की ये हैं मांगें

    सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए।
    पीड़ित परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
    आर्थिक मदद के तौर पर 50 लाख रुपये मुआवजा मिले।
    परिवार को मकान बनाने के लिए स्थायी जमीन दी जाए।
    सुरक्षा के लिए आर्म्स लाइसेंस दिया जाए।
    एक बेटे और बेटी की शिक्षा संबंधित मदद दी जाए।

2007 टी20 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य थे जोगिंदर शर्मा

जोगिंदर शर्मा 2007 टी20 विश्व कप विजेता भारत टीम के सदस्य थे। उस टीम की कमान महेंद्र सिंह धोनी के हाथों में थी। उस मैच में भारत ने पाकिस्तान को हराया था। एमएस धोनी ने आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा से ही कराया था। आखिरी ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 6 गेंद में 13 रन की जरूरत थी और एक विकेट उसके हाथ में था।

हरभजन सिंह को छोड़कर आरपी सिंह, एस श्रीसंत और इरफान पठान के ओवर पूरे हो चुके थे। ऐसे में एमएस धोनी ने जोगिंदर शर्मा को आखिरी ओवर देकर सभी को चौंका दिया था। जोगिंदर की पहली गेंद वाइड रही थी। अगली गेंद पर मिस्बाह उल हक ने कोई रन नहीं लिया। दूसरी गेंद पर मिस्बाह ने छक्का जड़ दिया।

अब पाकिस्तान को 4 गेंद में 6 रन चाहिए थे, जो बहुत कठिन नहीं था, लेकिन एमएस धोनी ने एस श्रीसंत को शॉर्ट फाइन लेग पर फील्डिंग के लिए भेजा। जोगिंदर की तीसरी गेंद पर मिस्बाह ने शॉर्ट फाइन लेग के ऊपर से स्कूप शॉट लगाने की कोशिश की, लेकिन वहां श्रीसंत ने उनका कैच पकड़ लिया और भारत आईसीसी टी20 विश्व कप के उद्घाटन संस्करण का चैंपियन बन गया था।

 

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