भोपाल
खरगोन में विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ) की एक वाहिनी स्थापित किए जाने की प्रक्रिया लगभग अब अंतिम दौर में पहुंच गई है। इसका लाभ खरगौन के साथ ही खंडवा, बड़वानी और बुरहानुपर में किसी अप्रिय घटना में ज्यादा तादात में पुलिस बल जल्द पहुंच सकेगा। बटालियन के लिए जमीन का आवंटन हो चुका है। इंदौर पुलिस रेंज ने सभी आपत्तियां और अन्य औपचारिकताओं को पूरा कर लिया है।
जानकारी के अनुसार एसएएफ की एक बटालियन इसी साल बढ़ जाएगी। यह बटालियन खरगौन जिले में होगी। जिसमें विभिन्न संवर्ग के लगभग एक हजार पद होंगे। इसका प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय में अपने अंतिम दौर में हैं। यहां से प्रस्ताव गृह विभाग को जाएंगा। शासन की मंजूरी के बाद इसके गठन को लेकर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पुलिस मुख्यालय के अफसरों को संभावना है कि इस साल इस नई बटालियन का गठन हो जाएगा।
जमीन का हुआ आवंटन
बटालियन के लिए जमीन का आवंटन हो गया है। करीब सौ एकड़ जमीन खंडवा रोड के एक गांव के पास में आवंटित हो चुकी है। इसके गठन का प्रस्ताव तैयार होकर पुलिस मुख्यालय भेजा गया। इसके बाद हाल ही में फाइनल प्रस्ताव तैयार होकर पुलिस मुख्यालय में आया है। यहां से जल्द ही अब गृह विभाग के पास मंजूरी के लिए जाएगा। आने वाले बजट में नई बटायिलन को लेकर अलग से बजट मिलने की भी उम्मीद है।
इतने पद बनेंगे
बटालियन के लिए एक कमांडेंट जो आईपीएस अफसर होंगे। वहीं उप सेनानी जो राज्य पुलिस सेवा के अफसर को दिया जाएगा। बटायिलन को मंजूरी मिलने के बाद पदों को लेकर भी मंजूरी ली जाएगी। बाकी के अफसर एसएएफ के होंगे।
पिछली सरकार में हुई थी घोषणा
वर्ष 2022 में खरगौन में दंगे हुए थे। इन दंगों के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और तत्कालीन गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ऐलान किया था कि खरगौन में पुलिस की एक नई बटालियन स्थापित की जाएगी। इस घोषणा के बाद इसके के एक समिति का गठन किया गया था। समिति में 24वीं वाहिनी के तत्कालीन सेनानी अंकित जायसवाल, 34वीं वाहिनी के तत्कालीन सेनानी रोहित काशवानी, 15वीं वाहिनी के तत्कालीन उप सेनानी पद्मविलोचन शुक्ल, प्रथम वाहिनी के सहायक सेनानी विपिन शिल्पी को शामिल किया गया है। हालांकि इन पदों पर अफसरों के बदलते ही उन अफसरों को इस समिति में शामिल किया गया।
हमारी ओर से प्रस्ताव पिछले महीने पुलिस मुख्यालय को भेजा गया है। यहां से आगे की कार्यवाही की जाएगी। जमीन का आवंटन हो चुका है।
– राकेश गुप्ता, एडीजी इंदौर ग्रामीण