भोपाल
नये साल में भारतीय प्रशासनिक सेवा के मध्यप्रदेश कॉडर के 44 आईएएस अधिकारियों को कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड, वरिष्ठ समय वेतनमान, प्रवर श्रेणी वेतनमान और अधिसमय वेतनमान में पदोन्नत किया गया है। लेकिन इनमें सात आईएएस अफसरों को सशर्त पदोन्नति दी गई है।
यदि वे मिड कैरियर ट्रेनिंग में शामिल होकर यह प्रशिक्षण अनिवार्यत: पूरा नहीं करेंगे तो उन्हें इस पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पाएगा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2015 बैच के अधिकारी लोक निर्माण विभाग के उपसचिव नियाज अहमद, 2016 बैच के तीन आईएएस जिनमें स्मार्ट सिटी ग्वालियर की मुख्य कार्यपालन अधिकारी नीतू माथुर, रायसेन की जिला पंचायत सीईओ अंजू पवन भदौरिया और इंदौर संभाग की अपर आयुक्त राजस्व जमुना भिड़े को डीओपीटी ने पुनरीक्षित आदेश में 2014 बैच आवंटित किया गया है। इन अफसरों को आईएएस आवंटन के बाद नौ वर्ष की सेवा पूरी कर लेने के फलस्वरुप एक जनवरी 2023 से कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड में पदोन्नति प्रदान की गई है। इसका लाभ उन्हें तब मिलेगा जब वे आगामी मिड कैरियर ट्रैनिंग तीसरे चरण में शामिल होकर प्रशिक्षण अनिवार्यत: पूरा कर लेंगे। प्रशिक्षण पूरा करने पर उन्हें एक जनवरी 2023 से इस पदोन्नति का लाभ मिलेगा।
12 अधिकारी बने सचिव
इसी तरह भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2008 बैच के बारह अधिकारियों को एक जनवरी 2024 से अधिसमय वेतनमान में पदोन्नत करते हुए सचिव बनाया है। लेकिन इन अधिकारियों में से तीन अधिकारी ऐसे है जिन्हें मिड कैरियर चौथे चरण के प्रशिक्षण पूरा करने पर ही पदोन्नति का लाभ मिल पाएगा। जिन अधिकारियों को सशर्त पदोन्नति दी गई है उनमें जलसंसाधन विभाग में सचिव बने कृष्ण गोपाल तिवारी, चिकित्सा शिक्षा विभाग में सचिव और एडस कंट्रोल सोसायटी में संचालक बनी सुरभि गुप्ता और कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग में सचिव बनाए गए ललित दाहिमा शामिल है।
इन्हें बिना शर्त अधिसमय वेतनमान
भरत यादव, सिबी चक्रवर्ती,शिल्पा गुप्ता, मनोज खत्री, गोपाल चंद्र डांड, दिलीप कुमार, उर्मिला सुरेन्द्र शुक्ला, वीरेन्द्र सिंह और आलोक कुमार सिंह शामिल है।