नई दिल्ली
खालिस्तानी समर्थक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के मामले में गिरफ्तार निखिल गुप्ता को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हम इस मामले में राहत नहीं दे सकते हैं. ये मामला पब्लिक अंतर्राष्ट्रीय कानून का है और हमें दूसरे देशों की अदालत के क्षेत्राधिकार की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए. ये एक संवेदनशील मामला है. जिसके अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव होंगे, जिसमें अदालत दखल नहीं दे सकती.’ दरअसल, निखिल गुप्ता के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसपर सुनवाई की गई है.
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘ये मामला सरकार के क्षेत्राधिकार है और सरकार ही तय करेगी कि क्या कदम उठाए? अगर याचिकाकर्ता चाहे तो इस मामले को सरकार के सामने उठाया जा सकता है. निखिल को काउंसलर एक्सेस दे दिया गया है.’ बता दें कि हाल ही में अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने निखिल को गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के मामले में हाल ही में गिरफ्तार किया था.
फिलहाल निखिल गुप्ता प्राग जेल में बंद है. अमेरिका ने निखिल गुप्ता के प्रत्यर्पण के लिए चेक सरकार से संपर्क किया है और इससे संबंधित कार्यवाही जारी है. बता दें कि इससे पहले भी निखिल के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और प्रत्यर्पण कार्यवाही में हस्तक्षेप करने और मामले में निष्पक्ष सुनवाई निश्चित करने के लिए भारत सरकार को निर्देश देने की अपील की थी. अमेरिका ने आरोप लगाया था कि निखिल गुप्ता भारत के एक सरकारी अधिकारी के साथ मिलकर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की नाकाम साजिश रची थी.
बता दें कि पन्नू मूल रूप से पंजाब का रहने वाला है और एक खालिस्तानी आतंकी है. वह जस्टिस फॉर सिख संगठन का चीफ भी है. पन्नू आए दिन भारत के खिलाफ अक्सर जहर उगलता रहता है और खुलेआम धमकी भी देता रहता है. उसके पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है. वहीं अमेरिका द्वारा निखिल पर आरोप लगाने के बाद भारत सरकार ने एक जांच कमिटी का भी गठन किया हुआ है.