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4 जनवरी को धार्मिक नगर उज्जैन में रहेगी हनुमान अष्टमी की धूम

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उज्जैन
धर्मधानी उज्जैन में पंचांगीय मतांतर से दो दिन हनुमान अष्टमी मनाई जाएगी। प्रदोषकाल में अष्टमी की मान्यता वाले श्रद्धालु बुधवार शाम को उत्सव मनाएंगे। वहीं, सुबह की मान्यता में 4 जनवरी गुरुवार को हनुमान अष्टमी मनाई जाएगी।

नौ दिवसीय श्री हनुमान अष्टमी महोत्सव

जूना महाकाल मंदिर परिसर स्थित जय श्री बाल विजय मस्त हनुमान मंदिर पर नौ दिवसीय श्री हनुमान अष्टमी महोत्सव मनाया जा रहा है। बाबा के आंगन में 24 घंटे श्री रामचरितमानस की चौपाइयां गूंज रही है। प्रतिदिन संध्या में भजनों की धुन पर भक्त भाव विभोर होकर अपने आराध्य की भक्ति कर रहे हैं।

मंगला आरती के साथ महाभोग

कार्यक्रम संयोजक श्री रामकथा व्यास सुलभ शांतु गुरु के अनुसार मुख्य आयोजन हनुमान अष्टमी पर्व पर 4 जनवरी को होगा। इसमें सुबह बाबा की मंगला आरती में बेसन के लड्डुओं का महाभोग, दोपहर दो बजे नौ दिनी अखंड रामायण पाठ पूर्णाहुति होगी व संध्या 7 बजे मुख्य आरती होगी जिसके पश्चात महाप्रसादी (भंडारे) का आयोजन रहेगा। भक्त मंडल के सीताराम अग्रवाल हस्तीमल नाहर, प्रहलाद दाड़, राजेश भदौरिया, मनोहर दुबे, प्रवीण ठाकुर, गोपाल पटौदिया, राहुल कटारिया ने भक्तों से आयोजन में शामिल होकर धर्मलाभ लेने का अनुरोध किया है।

123 साल पुराने पंचमुखी हनुमान मंदिर में आज उत्सव

ज्योतिर्लिंग महाकाल के समीप स्थित बड़े गणेश मंदिर परिसर में 123 साल पुराने पंचमुखी हनुमान मंदिर में बुधवार शाम 7 बजे प्रदोष काल में हनुमान अष्टमी मनाई जाएगी। पं.आनंदशंकर व्यास के अनुसार सुबह भगवान का अभिषेक पूजन किया जाएगा। दिन में हनुमान चालीसा, हनुमत कवच तथा लघुरूद्र का पाठ होगा। शाम को खिरान का महाभोग लगाकर पांच पंडितों द्वारा आरती की जाएगी। भक्तों को प्रसादी का वितरण होगा।

हनुमान अष्टमी के शुभ मुहूर्त (Hanuman Ashtami 2024 Shubh Muhurat)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, 4 जनवरी, गुरुवार को पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पूरे दिन रहेगी। इस दिन चर और सुकर्मा नाम के 2 योग दिन भर रहेंगे। इस दिन पूजा के मुहूर्त इस प्रकार रहेंगे-
– सुबह 11:11 से दोपहर 12:31 तक
– दोपहर 12:10 से 12:52 तक (अभिजीत मुहूर्त)
– दोपहर 13:51 से 03:10 PM
– शाम 05:49 से 07:30 तक

इस विधि से करें हनुमानजी की पूजा (Hanuman Ashtami 2024 Puja Vidhi)
– हनुमान अष्टमी की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें। घर में किसी साफ स्थान पर बाजोट के ऊपर लाल कपड़ा बिछाकर इसके ऊपर हनुमानजी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
– सबसे पहले हनुमानजी की प्रतिमा पर तिलक लगाएं और फूल माला अर्पित करें। इसके बाद शुद्ध घी का दीपक भी जलाएं। अब एक-एक करके अबीर, गुलाल, सिंदूर आदि चीजें हनुमानजी को चढ़ाते रहें।
– केले या पान के पत्ते के ऊपर मिठाई रखकर हनुमानजी को भोग लगाएं। लौंग-इलाइचीयुक्त पान भी चढ़ाएं। अंत में आरती करें। इस तरह हनुमानजी की पूजा करने से आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है।

ये है हनुमानजी की आरती (Hanuman Aarti Lyrics in Hindi)
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर काँपे। रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई। संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की॥
लंका जारि असुर संहारे। सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे। लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
पैठि पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें। जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
जो हनुमानजी की आरती गावे। बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई। तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

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