कन्हैया तिवारी की रिपोर्ट
गरियाबंद :
गरियाबन्द ज़िला के देवभोग विकासखंड के निस्टीगुडा उपार्जन केंद्र मे दो दिन पहले दहीगांव के सात किसानों ने टोकन काटा था। जिसे निस्तीगुड़ा उपार्जन केंद्र के कुछ गांव के किसानों निस्तीगुड़ा, सुपेबेड़ा, फुल्लीमुड़ा, कोसमकानि के किसानों ने मंडी का घेराव कर धान को बेचने से रोका गया था ।जिसमें मौके पर पहुंच देवभोग अनुविभागीय अधिकारी अर्पिता पाठक ने टोकन काटे किसानों के धान का निरीक्षण का निर्देश जारी किया था।
जिसमें आज देवभोग तहसीलदार गेंदालाल साहू और उसके टीम ने मौके पर पहुंचकर इन सभी सात किसानों के धान का निरीक्षण किया। निरीक्षण में इन किसानों के द्वारा धान बेचने के लिए जो टोकन काटा गया था उसके अनुरूप धान किसानों के पास होना पाया गया।
बता दे बीते दो दिन पहले निस्तीगुड़ा उपार्जन केंद्र में सीमा नायक, फुल सिंह, कम्मूधर, पदुफूलों ,वरुण, रेखाराम और नरेंद्र इन सभी सातों किसानों के द्वारा करीब 252 क्विटंल 80 kg धान का टोकन काटा गया था। लेकिन वाद विवाद की स्थिति के चलते ये गरीब किसानों को दोहरी गाड़ी भाड़ा देकर उसे फिर घर वापस उस धान को लाना पड़ा था। जिसका आज मौके पर जांच हुआ और इन सभी किसानों के पास पर्याप्त मात्रा में धान का होना पाया गया। जिसे मौके पर पंचनामा तैयार कर किसानों को धान सुपुर्द किया गया।
दो फाड़ में बंटे किसान… दो धड़ा में बटे किसानों के एक धड़ा धान बेचने में सहमत गांव दहीगांव और दबनई के किसानों का कहना है कि अगर धान नहीं बचने वाले गांवों के किसानों के धान कि वास्तविक जांच होती है और अगर उनके खेतों और घर पहुंचकर धान कि जॉच होती है तो उनके घरों में कई क्विंटल धान का होना मिल सकता है।
अपनी धान व खुद के सुरक्षा हेतु दोनों गांव के किसानों ने अब कलेक्टर को आवेदन देने की बात भी अभी प्रमुखता से कि है क्यो कि धान नहीं बचने वाले गांव के किसानों के द्वारा खुली तौर पर चैलेंज करते हुए धान नहीं बेचने देने कि बात भी कर रहे है इसी के चलते ये दोनों गांव के किसानों के द्वारा इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को देने कि बात भी कर रहे है।
मौके पर किसानों के पास धान पाया गया और उक्त धन कहां से आया इसकी जांच पटवारी के द्वारा किसानों के खेतों का निरीक्षण कर की जा रही है