पुणे। कोरोना वैक्सीन को लेकर फॉर्मा कंपनियों के लंबे-चौड़े दावे अभी भी सामने आ रहे हैं। बीते छह महीने में भी देश को पर्याप्त कोविशील्ड खुराक उपलब्ध नहीं कराने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने अब दावा किया है कि आने वाले महीनों में लाखों की संख्या में वे स्पूतनिक वैक्सीन भी उपलब्ध कराएंगें। इसके लिए आगामी सितंबर में पहला बैच भी लाया जा सकता है।
दरअसल भारत में स्पूतनिक वैक्सीन बनाने के लिए छह कंपनियों से करार हुआ है। इसमें से एक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भी है। करीब एक महीने पहले ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने सीरम कंपनी को स्पूतनिक बनाने की अनुमति भी दी थी लेकिन इसके बाद अभी तक यह मामला पूरा तकनीक स्थानांतरण के नाम पर अटका हुआ है।
वर्तमान स्थिति देखें तो स्पूतनिक वैक्सीन केवल निजी अस्पतालों में उपलब्ध है। एक मई को भारत में स्पूतनिक वैक्सीन का पहला बैच आया था लेकिन इसके 70 दिन गुजरने के बाद भी यह वैक्सीन अभी भी विदेशों से भारत आ रही है। स्थिति यह है कि निजी अस्पतालों में भी इस वैक्सीन की मांग सबसे अधिक है।
अब रूसी निर्माता रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के अनुसार भारत में हर साल 30 करोड़ डोज तैयार करने का लक्ष्य है। इन्होंने फिर बयान दिया है कि वैक्सीन बनाने के लिए तकनीकी को ट्रांसर्फर किया जा रहा है। इस पर सीरम इंस्टिट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने यहां तक कहा, मुझे स्पूतनिक वैक्सीन के लिए (आरडीआईएफ) के साथ साझेदार बनने की बहुत खुशी है।
हमें आने वाले महीनों मे लाखों की संख्या में डोज तैयार कर लेने की उम्मीद है। ट्रायल बैच की शुरुआत सितंबर में होगी। स्पूतनिक वैक्सीन के अधिक प्रभावी होने और सेफ्टी को देखते हुए यह जरूरी है कि पूरे भारत और दुनिया में इसकी उपलब्धता हो। इसके साथ ही संक्रमण के मद्देनजर सरकार और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को मिलजुलकर काम करना होगा।
00 एक साल से चल रहे सीरम के दावे
पिछले साल कोविशील्ड के जब दो चिकित्सीय परीक्षण परिणाम सामने आए थे। उस दौरान सीईओ अदार पूनावाला ने जून-जुलाई 2021 से भारतीय बाजारों में कोविशील्ड उपलब्ध होने का दावा किया था। इसके बाद तीन जनवरी को आपात इस्तेमाल की अनुमति मिलने के बाद भी उन्होंने छह महीने बाद इतनी वैक्सीन बनाने का दावा किया था कि देश के अस्पतालों के साथ साथ बाजारों में भी इसे उपलब्ध करा देंगे लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार सीरम कंपनी के पास पहले पांच करोड़ खुराक बनाने की क्षमता थी जोकि अब बढ़कर 10 से 11 करोड़ तक हुई है लेकिन 16 जनवरी से अब तक कंपनी ने किसी भी महीने में सात करोड़ से अधिक खुराक उपलब्ध नहीं कराई हैं।