Home हेल्थ सिर्फ एक फोटो से आलू की बीमारी का लगेगा पता…

सिर्फ एक फोटो से आलू की बीमारी का लगेगा पता…

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आईआईटी मंडी ने तैयार किया खास ऐप
आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ कम्प्युटिंग एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के ऐसोसिएट प्रोफेसर डॉ. श्रीकांत श्रीनिवासन के गाइडेंस में इस रिसर्च को पूरा किया गया है. साथ ही इसमें CPRI शिमला का भी सहयोग रहा है.
हिमाचल प्रदेश की आईआईटी मंडी के रिसर्चर्स ने एक आलू के खेती करने वाले किसानों के लिए बेहतरीन और काम की तकनीक इजाद की है, जिससे सिर्फ फोटो से ही फसल के खराब होने का पता लगाया जा सकेगा। रिसर्चर्स ने जटिल कम्प्युटेशनल मॉडल से एक कम्प्यूटर ऐप तैयार किया है, जो आलू के पत्तों की फोटो से ब्लाइट यानी झुलसा रोग का पता लगा सकेगा। इस एप को आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ कम्प्युटिंग एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के ऐसोसिएट प्रोफेसर डॉ. श्रीकांत श्रीनिवासन के गाइडेंस में सेंट्रल पोटेटो रिसर्च इंस्टिट्यूट (CPRI) शिमला के साथ मिलकर किया गया है। इस रिसर्च में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टेक्नोलॉजी से पत्तों के रोग ग्रस्त हिस्सों का पता लगाने में कामयाबी हासिल की है।
00 वक्त रहते चलेगा पता
आमतौर पर आलू को ब्लाइट बीमारी होती है और अगर समय पर इसे न रोका जाए तो सिर्फ हफ्तेभर में पूरी फसल खराब हो जाती है। इसे जांचने के लिए एक्सपर्ट्स को खेतों में जाना होता है। बारीकी से जांच करने के बाद इसकी बीमारी का पता चलता है। लेकिन अब इस नई तकनी के बाद सिर्फ पत्तों की फोटो से पता चल सकेगा कि फसल रोग ग्रस्त है या नहीं। चेक करने के बाद आपको पता चलता है कि फसल खराब होने जा रही है तो वक्त रहते कीटनाशकों का इस्तेमाल कर फसल को बचाया जा सकेगा।
00 ऐसे करेगा काम
इस ऐप से रोगग्रस्त दिखने वाले पत्तों की फोटो लेने पर यह ऐप रीयल टाइम में कंफर्म करेगा कि पत्ता खराब हो रहा है या नहीं। किसान को समय से पता चल जाएगा कि खेत में बीमारी को रोकने के लिए कब छिड़काव करना है, जिससे उपज खराब नहीं हो। साथ ही फंगसनाशक के लिए पैसों की फिजूलखर्च भी न हो।
00 98 फीसदी रिजल्ट आए पॉजिटिव
इस रिसर्च में शामिल डा. श्रीकांत श्रीनिवासन ने बताया कि अभी तक इसके 98 फीसदी रिजल्टस पॉजिटिव आए हैं। यह मॉडल पूरे देश में काम आए इस पर विशेष जोर दिया गया है। इस मॉडल की सफलता के बाद आईआईटी मंडी की टीम इसको छोटा कर लगभग दस MB का बना रही है, ताकि इसे स्मार्टफोन पर बतौर एप्लीकेशन आसानी से अवेलेबल करवाया जा सके।