रायपुर.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज मंगलवार को वीर बाल दिवस पर रायपुर के तेलीबांधा गुरुद्वारा में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने गुरुद्वारा में माथा टेककर गुरुग्रंथ साहिब की परिक्रमा की। उन्होंने गुरु गोविंद सिंह जी के परिवार के बलिदान और उनके सुपुत्रों की शहादत को याद कर उन्हें नमन किया। साय गुरुद्वारा में कीर्तन और अरदास में भी शामिल हुए। इस दौरान कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम, सांसद सुनील सोनी, विधायकगण पुरंदर मिश्रा, मोतीलाल साहू और संपत अग्रवाल भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
गुरुद्वारा प्रबंधन समिति और सिख समाज के अनेक पदाधिकारी भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर बाल दिवस मैं आज गुरूग्रंथ साहिब में मत्था टेकने आया हूं। मैं गुरु गोविंद सिंह और उनके साहिबजादों के बलिदान को नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म की रक्षा और देश को आजादी दिलाने में सिख बंधुओं का बड़ा योगदान है। उनके महान काम हमारे इतिहास में दर्ज हैं। उन्होंने गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह बहादुर सिंह की शहादत को याद करते हुए कहा कि छह वर्ष और नौ वर्ष की अल्पायु में ही इन बालकों को मुगल शासक ने दीवारों में चुनवा दिया था। अपने धर्म की रक्षा के लिए इन दोनों ने बहुत कम उम्र में ही अपने आप को बलिदान कर दिया।
सीएम ने पीएम को दिया धन्यवाद
सीएम साय ने ऐसे बहादुर बच्चों की शहादत के पुण्य स्मरण के लिए हर वर्ष वीर बाल दिवस बनाने की पहल के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष प्रकाश पर्व पर प्रधानमंत्री ने हर वर्ष 26 दिसम्बर को बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह बहादुर सिंह की शहादत को याद करने के लिए वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों में इन दोनों की शहादत के पुण्य स्मरण के साथ ही बच्चों में वीरता की भावना जागृत हो रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी का किया शुभारंभ
दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने रायपुर के कचहरी चौक पर स्थित माता सुंदरी पब्लिक स्कूल पहुंचे। मुख्यमंत्री ने स्कूल में गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की याद में लगाई गई प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए वीर साहिबजादों की तस्वीर पर दीप जलाकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने वीर बाल दिवस के अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि आज हमारा सौभाग्य है कि हम सभी यहां वीर बाल दिवस मनाने एकत्र हुए हैं। आज का दिन गुरु गोविंद सिंह जी के दोनों साहिबजादों की शहादत का दिन है, जिन्होंने मुगलों के दबाव और यातनाओं बावजूद भी हार नहीं मानी और मात्र छह और नौ वर्ष की आयु में शहादत को स्वीकार किया जिसके लिए उन्हें दीवार में चुनवा दिया गया । मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख समाज का इतिहास ऐसी ही कुर्बानियों से गौरवशाली बना हुआ है।
' उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अन्य कार्यक्रमों को किया रद्द'
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि वो आज के दिन को वीर बालकों की शहादत की याद में वीर बाल दिवस के रूप में घोषित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने मुख्यमंत्री साय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वीर बाल दिवस के आयोजनों में शामिल होने के लिए अन्य कार्यक्रमों को रद्द कर दिया और सिर्फ वीर बाल दिवस में शामिल होने की सहमति दी। उन्होने कहा कि स्कूल के बच्चों को किस बात से प्रेरणा लेनी है। इस बात का निर्णय समाज को लेना होगा और बच्चों को बताना होगा कि दो छोटे बालकों ने कैसे निडर रहते हुए शहादत दे दी और दुश्मनों के आगे नहीं झुके।
'गुरु गोविंद ने दुश्मनों के सामने न झुकने की शिक्षा दी'
मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने वीर बाल दिवस के अवसर पर सभी को बधाई देते हुए इसे पूरे देश में राष्ट्रीय आयोजन के रूप में मनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद ज्ञापित किया। अग्रवाल ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने अपने बच्चों को निडर रहने और दुश्मनों के सामने न झुकने की शिक्षा दी। उन्होंने कहा कि सिख समाज अपने सेवा, समर्पण और बलिदान और बहादुरी के लिए जाना जाता है। वीर बाल दिवस कार्यक्रम के अवसर पर सिख समाज की तरफ से मुख्यमंत्री को कृपाण और शाल श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। स्कूल के बच्चों ने इस मौके पर शब्द कीर्तन की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री ओपी चौधरी भी मौजूद रहे।