Home छत्तीसगढ़ छत्‍तीसगढ़ शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन किसान आत्‍महत्‍या मुद्दे पर हंगामा

छत्‍तीसगढ़ शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन किसान आत्‍महत्‍या मुद्दे पर हंगामा

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रायपुर.

छत्‍तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है। सदन की शुरुआत में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री लीलाराम भोजवानी और डा रामलाल भारद्वाज को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद दो मिनट मौनकर रखकर सदन की कार्यवाही पांच मिनट स्‍थगित कर दी गई। अनुपूरक बजट पर चर्चा से पहले किसान आत्महत्या पर विपक्ष ने सरकार को घेरा।

विपक्ष ने सदन में अनुपूरक बजट पर चर्चा से पहले नारायणपुर के किसान आत्महत्या मुद्दे पर चर्चा की मांग की। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सदन में कहा, विशेष परिस्थिति है, किसान ने कर्ज के बोझ से आत्महत्या की है, महत्वपूर्ण मुद्दा है, इसपर चर्चा होनी चाहिए। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, नियम प्रक्रियाओं से परे सदन नहीं चल सकता, स्थगन का उल्लेख नहीं किया गया है, इसलिए चर्चा उचित नहीं है। नेताप्रतिपक्ष डा चरण दास महंत, गरीब की दुख सुनने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए, अध्यक्ष दयालु है, दिल दरिया है, उसमें किसान या आदिवासी समा सकता है, चर्चा होनी चाहिए। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, अभिभाषण पर चर्चा के दिन नियम के विपरीत चर्चा की मांग हो रही। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा, सत्र आहूत होने के बीच आत्महत्या हुई है, बाद में चर्चा संभव नहीं है, इसे ग्राह्य करके चर्चा कराया जाए।

धरमलाल कौशिक ने कहा, अगले सत्र में नियम के तहत चर्चा हो सकती है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा, नियम में यही है कि एक विधानसभा से दूसरे विधानसभा सत्र के मध्य जो घटना होती है उस पर चर्चा होती है इसे ग्राह्य किया जाए।
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, यह विषय आधारित सत्र है। कांग्रेस विधायक कवासी लखमा ने कहा, किसान आत्महत्या न करे इसलिए चर्चा आवश्यक है। अनुपूरक बजट पर चर्चा से पहले किसान की मौत पर चर्चा को लेकर विपक्ष अड़ा रहा। इसके बाद हंगामे के बीच विपक्ष ने वाकआउट कर दिया। इसी बीच सदन में नारायणपुर में किसान आत्महत्या पर विपक्ष ने स्थगन प्रस्‍ताव दिया। अजय चंद्राकर ने कहा, स्थगन की सूचना नहीं है, इससे पहले व्यवस्था आनी चाहिए। आसंदी की व्यवस्था के अनुसार पूर्व में ही स्थगन और चर्चा के मांग की सूचना दी जाती है। अल्प सूचना में स्थगन ध्यानाकर्षण नहीं लिया जा सकता है। आसंदी ने स्थगन सूचना को अग्राह्य कर दिया। चर्चा नहीं कराने के विरोध में विपक्ष ने बहिर्गमन कर दिया।

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