रायपुर
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी को विधानसभा के चुनाव में करारी हार मिली है इस हार के साथ ही प्रदेश में कांग्रेस नेताओं के शुर बदलने शुरू हो गए हैं। ऐसे नेता जिनका विधानसभा चुनाव 2023 में टिकट कटा या फिर वो नेता जो चुनाव हार गए वो अब पार्टी के बड़े नेताओं को घेरने लगे है। वही व्यक्तिगत आरोपों के बाद अब पार्टी ने ऐसे नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाना भी शुरू कर दिया है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के भीतर कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसा इस लिए माना जा रहा है क्योंकि पार्टी ने पिछले 15 दिनों के भीतर तीन पूर्व विधायकों को नोटिस, दो विधायक को निष्कासित, और एक कांग्रेस के दिग्गज ने इस बीच इस्तीफा दे दिया है। यह सब शुरू हुआ है छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सत्ता बदलने के बाद से। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सत्ता बदली तो सबसे पहले रामानुजगंज पूर्व विधायक ने बृहस्पत सिंह ने छत्तीसगढ़ की प्रभारी शैलजा और पूर्व उपमुख्यमंत्री सिंहदेव पर हार का ठीकरा फोड़ते हुए व्यक्तिगत आरोप लगया।
वही दुसरी तरफ पूर्व विधायक विनय जयसवाल ने प्रदेश सह प्रभारी चंदन यादव पर 7 लाख रुपए लेने का गंभीर आरोप लगया है। इसके बाद पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने पूर्व सीएम बघेल पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस के पांच साल शासन पर सवाल खड़े करते हुए हार का ठीकरा फोड़ा तो दूसरी तरफ रायपुर दक्षिण से प्रत्याशी महंत राम सुंदरदास ने हार के बाद जिम्मेदारी लेते हुए खुदको पार्टी से किनारे कर लिया। पार्टी में यह सब महज 10 दिनों के भीतर हुआ, जिसमें कांग्रेस ने दो पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह और विनय जयसवाल को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
पूर्व विधायक विनय और बृहस्पत पर आरोप
छत्तीसगढ़ के कांग्रेस पार्टी के नेता पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह और विनय जायसवाल वह नेता है जिनका साल 2023 विधानसभा चुनाव में टिकट काट दिया गया था टिकट कटने से नाराज दोनों ही नेता, कांग्रेस की हार के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसमें बृहस्पत सिंह ने प्रदेश प्रभारी शैलजा पर टिकट बेचने का आरोप लगाया था। इसी के साथ विनय जायसवाल ने सह प्रभारी चंदन यादव पर 7 लख रुपए लेकर भी टिकट न देने की बात कही थी।
यह बेहद गंभीर आरोप थे जिसके बाद पार्टी ने संज्ञान लेते हुए दोनों को तीन दिनों के अंदर अपने जवाबों पर सफाई देने का नोटिस जारी किया। नोटिस में जवाबों से संतुष्ट ना होते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दोनों के खिलाफ 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासन का आदेश निकाल दिया है।
निकाले जाने की खबर लगी तो निवास में हुई गोपनीय बैठक, यह भी नेता मौजूद
बताया जा रहा है कि जैसे ही दोनों ही पूर्व विधायकों को निष्कासन की खबर लगी उसके बाद पूर्व विधायक विनय जायसवाल के घर गोपनीय बैठक हुई। कांग्रेस के भीतर खाने से खबर यह है कि इस बैठक के बाद पार्टी के अंदर हलचल तेज हो गई है। निष्कासित पूर्व विधायक के घर हुई इस बैठक में पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह के सांथ कई ऐसे नेता मौजूद थे जिनका विधानसभा के चुनाव में टिकट कटा है। ऐसे में पार्टी के खिलाफ जाकर इस तरह का काम करने की शिकायत भी कांग्रेस के बड़े नेताओं तक पहुंच चुकी है। हालांकि यह सब नेता क्या रणनीति बना रहे थे इसका खुलासा अभी तक नहीं किया गया है।
महंत का कांग्रेस से इस्तीफा
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार के साथ ही कांग्रेस पार्टी में इस्तीफा का दौर शुरू हो गया है। जहां एक तरफ अनुशासनहीनता के नाम पर नेताओं को पार्टी से बाहर निकाला जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ नेता खुद इस्तीफा दे रहे हैं। इस बीच कांग्रेस नेता राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त रहे दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास ने गुरुवार को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफा में चुनाव में उनकी सबसे ज्यादा वोटो से हार बताते हुए हार की जिम्मेदारी खुद पर ली और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज को इस्तीफा भेज दिया है।