अंबिकापुर। सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत दरहोरा जंगल में मृत हाथी के दोनों दांत काट कर ले जाने वाले ससुर, दामाद के साथ तीन आरोपितों को वन विभाग की टीम ने हिरासत में ले लिया है। घटनास्थल से लगभग 25 किलोमीटर दूर एक आरोपित के घर के पैरावट में छिपाकर रखे गए दोनों हाथी दांत भी बरामद कर लिए गए हैं। हाथी दांत की लंबाई लगभग 60 सेंटीमीटर है और इस के मध्य भाग की गोलाई 20 सेंटीमीटर है। सरगुजा वन वृत्त के मुख्य वन संरक्षक अनुराग श्रीवास्तव और सूरजपुर डीएफओ डीपी साहू प्रतापपुर पहुंच चुके हैं। गिरफ्तार आरोपितों में ग्राम दरहोरा निवासी परदेसी राम 60 वर्ष उसका दामाद ग्राम घुमाडांड निवासी उदित लाल 38 वर्ष तथा अभय कुमार 30 वर्ष शामिल है।
अब तक की पूछताछ में पता चला है कि दरहोरा जंगल में हाथी के शव को सबसे पहले परदेसी ने देखा था। उसने ग्राम घुमाडांड में रहने वाले अपने दामाद उदित लाल को इस बात की जानकारी दी थी। हाथी दांत महंगे दाम में बिकने की जानकारी पर उदित लाल अपने साथी अभय कुमार के साथ दरहोरा जंगल पहुंचा था और दोनों ने मिलकर धारदार हथियार से हाथी के दोनों दांत काट लिए थे। इधर वन विभाग द्वारा जांच तेज करने पर आरोपित उदित लाल द्वारा अपने घुमाडांड स्थित घर के नजदीक पैरावट में हाथी के दोनों दांत छिपा कर रख दिए गए थे। वन विभाग द्वारा गांव गांव में मुनादी कराई गई थी। हाथी दांत के संबंध में सूचना देने वालों को इनाम देने की भी घोषणा की गई थी। मुखबिर से सूचना मिली की उदित लाल द्वारा हाथी दांत की बिक्री के लिए ग्राहक की तलाश की जा रही है।
इसी सूचना के आधार पर वन विभाग की टीम ने जब उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने पूरे घटना का पर्दाफाश कर दिया। प्रतापपुर क्षेत्र में पहले भी हाथियों की मौत हो चुकी है। डीएफओ डीपी साहू ने बताया कि हाथी दांत की बरामदगी के बाद इस घटना में संलिप्त आरोपितों से पूछताछ कर यह पता लगाने का भी प्रयास किया जा रहा है कि इनके संबंध हाथी दांत की तस्करी करने वालों से तो नहीं है।
देर शाम तक मामले में कुछ और नई जानकारी सामने आ सकती है। मालूम हो कि बीते 11 जून को प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के दरहोरा जंगल में हाथी का शव मिला था। तीन सदस्यीय पशु चिकित्सकों की टीम से शव का पोस्टमार्टम कराया गया था। जांच में पता चला था कि हाथी के दोनों दांत काट कर ले जाए गए हैं।
आकाशीय बिजली से शव मिलने के दस से बारह दिन पहले हाथी की मौत का दावा पशु चिकित्सकों ने किया था। हाथी का शव मिलने के बाद तात्कालिक रूप से प्रभावशाली कार्यवाही नहीं करने के आरोप में सूरजपुर डीएफओ, प्रतापपुर के उप वन मंडल अधिकारी व रेंजर को हटाने का आदेश जारी किया गया था तथा दो मैदानी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया था।