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पुलिस बनाम विधायक…? 2 साल पुराने मामले में जारी हुआ आरक्षक का वीडियो…आरोपी मोती के मामले को दबाने क्या की जा रही कोशिश…? कौन हैं मास्टरमाइंड…? क्या पुलिस को ही दोषी ठहराने पर तुले हैं विवादित विधायक…?

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पुलिस सूत्रों का कहना है, तब पीड़ित की शिकायत पर, आरक्षक के खिलाफ की जा चुकी हैं विभागीय कार्रवाई….

फिर थावरानी की गिरफ्तारी के 2 साल बाद क्यों वायरल हो रहा है पुराना वीडियो.?

श्रीकांत वर्मा मार्ग में कांग्रेस नेता द्वारा ट्रैफिक आरक्षक के साथ की गई बदसलूकी के मामले का कोई लेना देना नहीं…?

बिलासपुर संभाग/ कांग्रेस नेता मोती थारवानी द्वारा गत दिनों बिलासपुर के श्रीकांत वर्मा मार्ग पर ट्रैफिक पुलिस के सिपाही के साथ की गई बदसलूकी का मामला अब रंग पकड़ता दिख रहा है। आरोपी थावरानी के द्वारा ट्रैफिक पुलिस के सिपाही के साथ किए गए दुर्व्यवहार का मामला सामने आने पर पुलिस ने कांग्रेस नेता के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज कर लिया है। जिसके चलते कल देर शाम आरोपी मोती थावरानी की महाराष्ट्र के कामठी से गिरफ्तारी की गई हैं, कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी के बाद आज सुबह से सोशल मीडिया में एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बदसलूकी और दुर्व्यवहार के पीड़ित यातायात आरक्षण रजक के द्वारा अभद्रता और गाली गलौज एवं मारपीट करने का दृष्य दिख रहा है, यह वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है।
विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस आरक्षक के खिलाफ मीडिया में वायरल किया गया वीडियो लगभग 2 साल पुराना बताया जा रहा है और इस मामले में उस समय ही शिकायत मिलते ही यातायात पुलिस आरक्षक के खिलाफ कार्रवाई भी की जा चुकी है। अब 2 साल पुराने
इस वीडियो को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं, आखिर क्यों ? इन सवालों में पूछा जा रहा है कि आखिरकार 2 साल पहले कोई किसी घटना का वीडियो आज 2 साल बाद सामने क्यों लाया जा रहा है..? वह भी तब जब 2 साल पहले ही आरक्षक रजक पर उसकी गलती के लिए, पुलिस अधिकारियों द्वारा ही, कार्रवाई भी की जा चुकी है।
अब प्रश्न यह उठता है कि जब 2 साल पहले पुलिस आरक्षक रजक के द्वारा अभद्र व्यवहार और मारपीट करने के मामले में उसके खिलाफ वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की जा चुकी थी, तो आज उक्त मामले का आज वीडियो कौन सामने ला रहा है और क्यों..? इसके पीछे मास्टरमाइंड कौन हैं ? इस मामले में क्षेत्रवासियों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस मामले में अब इसका वीडियो क्यों जारी किया जा रहा, आरोपी मोती के द्वारा आरक्षक से साथ किये गए अभद्र व्यवहार के चलते बिलासपुर विधायक ने उस आरोपी के बचाव में हंगामा खड़ा कर दिया उसके बाद यह 2 साल पुराना vdo जारी किया जा रहा हैं, लोगों ने कहा कि हो सकता हैं विधायक के द्वारा थाने में किये गए हंगामा को लेकर विधायक के खिलाफ कार्यवाही हो सकती हैं जिसके चलते विधायक या उसके समर्थकों ने इस पुराने वीडियो को जारी किया गया हैं, बहरहाल इस पुराने वीडियो का किसी भी एंगल से वर्तमान घटना से कोई संबंध नहीं हैं ऐसे में इस वीडियो का जारी होने कई संदेहों को जन्म दे रहा हैं ? जनता की जुबान पर एक ही सवाल सुना गया कि क्या पुलिस को ही दोषी ठहराने बिलासपुर के विवादित विधायक क्यों तुले हुए हैं ?