चंडीगढ़ । भले ही किसान आंदोलन के कारण शिरोमणि अकाली दल का साथ छूटने के बाद पंजाब में भारतीय जनता पार्टी हाशिए पर चली गई हो, लेकिन पार्टी 117 सीटों पर चुनाव लड़ने के ऐलान से पीछे नहीं हटी है। भाजपा ने चुनावी अखाड़े में कूदने से पहले पूरे राज्य में 17 प्वाइंट पर एक सर्वे करवा रही है। 45 दिन के अंदर यह सर्वे पूरा कर लिया जाएगा। सर्वे की अंतिम रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी जाएगी।
117 सीटों पर प्रत्याशियों की तलाश
प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा ने कहा है कि कि उनका चाहे किसी भी समान विचारधारा की पार्टी से गठबंधन हो, लेकिन 117 सीटों पर भाजपा के ही चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि सर्वे में भाजपा 117 सीटों पर उम्मीदवारों की तलाश भी करेगी. गौरतलब है कि भाजपा पंजाब में पहले ही ऐलान कर चुकी है कि पंजाब में यदि उसकी सरकार बनती है तो सीएम दलित समुदाय से ही होगा. भाजपा का पूरा ध्यान इस वक्त दलित नेताओं पर ही केंद्रित है।
भाजपा गठजोड़ में रही शिअद के साथ 23 सीटों पर चुनाव लड़ती रही है। 2017 विधानसभा चुनावों में भाजपा और अकाली गठबंधन को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। राज्य की 117 विधानसभा सीटों में से अकाली दल को 15 और भाजपा को सिर्फ 3 सीटें ही मिल पाईं थी जबकि कांग्रेस की 77 सीटों पर जीत हुई थी और दूसरे नंबर पर 20 सीटों के साथ आम आदमी पार्टी विपक्षी दल के रूप में उभरी थी।
इस बार शिअद ने भाजपा को छोड़ने के बाद बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। अकाली दल ने बसपा को 20 सीटें दी हैं जबकि वह 97 सीटों पर खुद चुनाव लड़ेगी। पंजाब में इस बार के विधानसभा चुनाव में चौतरफा मुकाबला होने की संभावना है। कांग्रेस, अकाली दल, आम आदमी पार्टी तथा भारतीय जनता पार्टी ने अकेले-अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।