मुंगेली/ मुंगेली जिला भ्रष्टाचार में शुरू से अपनी एक अलग पहचान बना चुका हैं जिसमें भ्रष्ट अधिकारियों, ठेकेदारों, जनप्रतिनिधियों और नेताओं की अहम भूमिका मानी जाती हैं। अभी हाल ही में 12 जून को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुंगेली के सामुदायिक भवन में कई निर्माण कार्यो सहित बहुप्रतीक्षित गार्डन निर्माण का वर्चुअल लोकार्पण किया गया था, गार्डन के लोकार्पण होते ही दूसरे दिन से गार्डन खुलने की खुशी में मुंगेलीवासी अपने परिवारवालों के साथ गार्डन पहुँचना शुरू कर दिए, पर आपको बता दे कि जो व्यक्ति अपने परिवार, बच्चों सहित इस गार्डन में आ रहे हैं वे अपने बच्चों का जीवन भी दांव में लगा रहे हैं क्योंकि जिस स्थान पर बच्चों के खेलने के लिए खेल सामग्रियां लगाई गई हैं वहाँ बड़ी-बड़ी घास उगी हुई हैं, ऐसे में उन घासों में सांप या अन्य जहरीले जीव छुपे होने की आशंका बनी हुई हैं क्योंकि अब बरसात का मौसम भी आ गया हैं, ऐसे में सांपो व अन्य जहरीले जीवों का निकलना स्वाभाविक हैं, बड़ी-बड़ी घासों में ये जहरीले जीव आसानी से छिप सकते हैं, उन्ही घासों से गुजरते हुये बच्चे खेल साधनों से अपना मनोरंजन कर रहे हैं, इससे अभिभावकों में काफी नाराजगी देखी गई, साथ ही बच्चों के लिए जो वहाँ पर झूलना लगाया गया हैं उसमें एक तरफ का बोल्ट निकल गया हैं जिससे नट निकलता स्पष्ट दिख रहा हैं ऐसे हालात में अगर कोई बच्चा झूलना झूलते हुए गिर जाए तो इसे किसकी जवाबदारी माना जाए ? साथ ही वहां के एक अप-डाउन झूलने में एक तरफ का रॉड पाइप टूटा हुआ है जिससे यह स्पष्ट हैं कि गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं किया गया हैं, इससे भी चोट लगने की संभावना हैं, जब यह बात अभिभावकों को मालूम चली तो वे बहुत नाराज हुए और कहा कि जल्दबाजी में गार्डन का जो वर्चुअल लोकार्पण किया गया हैं वह उचित नहीं था, गार्डन में आये अभिभावकों ने कहा कि गार्डन की हालत, कमियां और अनियमितता देख लगता हैं कि मुख्यमंत्री को अंधेरे में रखकर जल्दबाजी में इस गार्डन का लोकार्पण करा दिया गया हैं, जबकि पहले बड़ी-बड़ी घासों की अच्छे से कटाई-छंटाई, अच्छे से सफाई और खेल सामग्रियों का अच्छे से अवलोकन कर ही गार्डन का लोकार्पण किया जाना था, खासकर बच्चों के लिए लगे खेल सामग्रियों की गुणवत्ता की तसल्ली से जांच की चाहिए थी तब इसका लोकार्पण किया जाना था, अभिभावकों ने आगे कहा कि अगर ऐसी स्थिति में अगर किसी के साथ कोई दुर्घटना घटती हैं तो इसके लिए संबंधित अधिकारियों को ही दोषी माना जायेगा। अभिभावकों एवं बच्चों ने कहा कि गार्डन में व्याप्त समस्याओं को जल्द ही दूर किया जाना चाहिए और गार्डन बन्द होने का समय शाम 6 बजे हैं उसे बढ़ाना चाहिए।
हाईकोर्ट में लंबित हैं गार्डन भ्रष्टाचार मामला…
आपको बता दे कि मुंगेली नगर में एकमात्र गार्डन की स्वीकृति छत्तीसगढ़ शासन ने लगभग 1 करोड़ 59 लाख रुपये की दी थी, साथ ही इस गार्डन निर्माण में पार्षद निधि से और भी राशि लगाई जा चुकी है…लेकिन यह उस समय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया और गार्डन निर्माण की राशि आहरित कर ली गई और कागजों में गार्डन बना दिया गया, मामला हाईकोर्ट पहुँचा तब शासन को नोटिस गया, पर कोरोना कॉल में लॉकडाउन की वजह से गार्डन भ्रष्टाचार मामला फिलहाल हाईकोर्ट में लंबित हैं। परंतु गार्डन निर्माण के बगैर ही नगर पालिका के अधिकारियों द्वारा पूरी राशि आहरित कर ली गई थी और यहां गार्डन का निर्माण नही हो सका और इस गार्डन मामले में ठेकेदारों और अधिकारियों ने मिलीभगत कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है। काफी मशक्कत के बाद अतिरिक्त राशि के माध्यम से यह गार्डन पूर्ण हो सका, उसके बावजूद भी यहाँ अनियमितता देखी गई जिससे गार्डन आने वालों में काफी नाराजगी देखी गई।
इस मामले में नगर पालिका के वरिष्ठ पार्षद अरविंद वैष्णव ने कहा कि गार्डन में जो अनियमितता बरती गई हैं उसकी जांच कर कार्यवाही की जानी चाहिए, बच्चों के खेल समान जहाँ लगे हुए हैं वहाँ बड़ी-बड़ी घास होने की जानकारी मिली हैं जहाँ जहरीले जीव छुप सकते हैं, ऐसे में तत्काल घास की कटाई-छंटाई की जानी चाहिए, साथ ही सभी झूलों के नट-बोल्ड को चेक करना चाहिए और समय बढ़ाने को लेकर अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।