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पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण देकर फंसे चक्रवर्ती

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पुलिस ने की 45 मिनट तक पूछताछ
कोलकाता।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान विवादास्पद भाषण को लेकर फंसे अभिनेता और भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने आखिरकार कोर्ट की बात मान ली है। मिथुन चक्रवर्ती कोलकाता पुलिस के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए हैं और पुलिस उनसे वर्चुअली पूछताछ की। कोलकाता पुलिस के अधिकारियों ने मिथुन से करीब 45 मिनट तक पूछताछ की। उनके भाषण को भड़काने वाला बताते हुए माणिकतला में एफआईआर दर्ज की गई थी। माणिकतला पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी में दावा किया गया है कि सात मार्च को भाजपा में शामिल होने के बाद आयोजित रैली में चक्रवर्ती ने ‘ मारबो एकहने लाश पोरबे शोशाने (तुम्हे मारूंगा तो लाश श्मशान में गिरेगी) और ‘एक छोबोले चाबी (सांप के एक दंश से तुम तस्वीर में कैद हो जाओगे) संवाद बोले, जिसकी वजह से राज्य में चुनाव के बाद हिंसा हुई।
मिथुन ने जिस रैली में यह बयान दिया था, उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। इससे पहेल चक्रवर्ती ने प्राथमिकी रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में चक्रवर्ती ने दावा किया था कि उन्होंने केवल अपनी फिल्मों के संवाद बोले थे।
वहीं अभिनेता की याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने निर्देश था दिया कि वह राज्य को अपना ई-मेल पता दें ताकि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिये प्रचार के दौरान अपने भाषणों के जरिये चुनाव के बाद कथित तौर पर हिंसा भड़काने को लेकर दर्ज कराई गई शिकायत के सिलसिले में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये वह पूछताछ में शामिल हो सकें।