मुंगेली/ मुंगेली नगर पालिका के भ्रष्टाचार के कई किस्से हैं, नगर पालिका में भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर हैं, नगर पालिका क्षेत्र में कार्य चाहे छोटा हो या बड़ा सभी कार्यो में कमीशन निकालने से लेकर भ्रष्टाचार करने के नायाब तरीके भ्रष्ट अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा खोज निकाल लिया जाता हैं।
अभी हाल ही में दिनांक 14.06.2021 को नगर पालिका मुंगेली के उपाध्यक्ष सहित कुछ पार्षदों ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी को लिखित शिकायत करते हुए आवेदन सौंपते हुए शिवाजी वार्ड क्रमांक 08 (जो वर्तमान में परमहंस वार्ड हैं ) में नाली घोटाले की जांच करने की बात की गई। जिसकी प्रतिलिपि कलेक्टर मुंगेली को दी गई।
आवेदन में लिखा गया कि सोशल मीडिया एवं समाचार पत्रिकाओं के माध्यम से लगातार वार्ड क्र. 08 में 17 लाख के नाली निर्माण होरी शर्मा के घर से गार्डन के बाउण्ड्रीवाल होते हुए स्टेडियम तक नाली निर्माण स्वीकृत हुई थी उक्त कार्य में बिना नाली निर्माण किये 13 लाख रूपये की राशि का भुगतान तत्कालीन अधिकारियों एवं कर्मचारी के द्वारा फर्जी तरीके से ठेकेदार को किया गया है। उक्त कार्य के जांच हेतु नगर पालिका अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि के जांच दल गठित कर दो दिवस के अंदर प्रतिवेदन देने की बात की गई। अब देखना यह हैं कि इस मामले को मुंगेली नगर पालिका के अधिकारी व कलेक्टर कितनी गंभीरता से लेते हैं ?
क्या ठेकेदार को मोहरा बना भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने डकार ली राशि ?
मुंगेली नगर के वार्ड क्रमांक 08 में 17 लाख की नाली निर्माण में हुई गड़बड़ी का मामला पूरे नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है मुंगेलीवासियों ने कहा कि इस मामले को नगर पालिका के जनप्रतिनिधियों द्वारा उस समय क्यों नहीं उठाया गया ? जब इसका भुगतान किया जा रहा था ? अगर जनप्रतिनिधियों को इसकी जानकारी उस समय नहीं हुई मतलब यह माना जा सकता हैं कि नगर पालिका के अधिकारी, इंजीनियर या कर्मचारी अपने मन मुताबिक कुछ भी चेक काट देते हैं ? नगर पालिका के प्रत्येक जनप्रतिनिधियों का यह कर्तव्य हैं कि वे अपने वार्ड के साथ-साथ पूरे नगर व नगर पालिका के हर कार्यो पर नजर रखे, अगर ऐसा नहीं किया जाता इसका मतलब वह या तो निष्क्रिय हैं या फिर भ्रष्टाचार के दलदल में वह खुद फंसा हुआ हैं ? शहरवासियों ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हो सकता हैं कुछ भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों द्वारा ठेकेदार को मोहरा बनाकर बड़ी राशि गबन कर डकारने की योजना बनाई गई होगी ? पर कमीशन मामले पर जब बात नहीं बनी तब यह मामला सुर्खियों में आया होगा, इसके साथ ही नागरिकों ने कहा कि कुछ भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के भ्रष्ट रवैये एवं लालच के चलते ठेकेदारों को बलि का बकरा बनाया जा रहा हैं, कुछ जानकारों एवं पत्रकारों ने कहा कि इस मामले/शिकायत को पूर्णतः मीडिया पर आधारित बता दिया हैं, ऐसी नौबत नपा के शिकायतकर्ता जनप्रतिनिधियों के सामने क्यों आई ? इस शिकायत पत्र से क्या यह मान लिया जाए कि यदि कोई पत्रकार यह मामला नहीं उठाता तो कागजों में ही बन चुकी नाली के बारे में किसी को पता नहीं चलता। अब देखना हैं कि इस शिकायत पर कोई कार्यवाही होती हैं या यह भी कागजों तक ही सीमित रह जाता हैं ? इस मामले में जांच उपरांत अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि फंसते नजर आ रहे हैं ? आखिर इस भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाला मास्टरमाइंड जनप्रतिनिधि और अधिकारी कौन हैं जो ठेकेदार को मोहरा बनाकर शासन और जनता की राशि में डाका डाला जा रहा हैं ?
हेमेन्द्र गोस्वामी, सचिव प्रदेश कांग्रेस ने कहा कि नगर पालिका में अब घोटाला बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. घोटालेबाजों पर इस बार कड़ी कार्रवाई करायी जायेगी जिससे सरकारी पैसे के दुरुपयोग करने वाले दुबारा ऐसी हिम्मत ना कर सकें।
वहीं इस मामले में नगर पालिका के उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह ने कहा कि वार्ड में बिना नाली निर्माण कराए फर्जी तरीके से 13 लाख का भुगतान ठेकेदार को किया गया है,जो कि उचित नही है ठेकेदार को चेक के माध्यम से जो राशि का भुगतान किया गया है उसमें नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर एवँ उस समय के तत्कालीन प्रभारी CMO विकास पाटले के संयुक्त हस्ताक्षर से उक्त चेक को जारी किया गया है, हमारे द्वारा आज इस मामले को लेकर पार्षदों के साथ मिलकर नगर पालिका CMO को ज्ञापन सौंपा गया है तथा कलेक्टर को भी इस बारे में जानकारी देकर मामले की 2 दिन के भीतर टीम बनाकर जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने तथा इस फर्जीवाड़े में जो भी शामिल हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग किये हैं
इस मामले को लेकर नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर ने कहा है कि नगर पालिका में जो भी कार्य कराए जाते हैं उसकी समस्त जवाबदेही इंजीनियर की होती है, इस कार्य का भी भुगतान पूर्व उक्त बिल में इंजीनियर,लेखपाल तथा नगर पालिका के CMO के हस्ताक्षर उपरांत मेरे पास आया और मेरे द्वारा इनके भरोसे में हस्ताक्षर किया गया है, उन्होंने आगे कहा कि मैं चूंकि आम जनता का सेवक हूँ और जनप्रतिनिधि होने के नाते हर कार्य का निरीक्षण कर पाना सम्भव नही हो पाता इसीलिए मेरे द्वारा कर्मचारी अधिकारी के भरोसे में कार्य किया गया है और अगर इनके द्वारा मेरे भरोसे को तोड़ा गया है और गुमराह कर जो कार्य कराए गए हैं, उनके खिलाफ मैं अपने वकील के माध्यम से नोटिस भेज कर जवाब मांगूंगा तथा उचित जवाब प्रस्तुत नही करने पर मेरे द्वारा इस मामले में संबंधित अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ FIR कराया जाएगा।