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बिलासपुर के विवादित विधायक की सांसद को लेकर की गई अशोभनीय टिप्पणी…कांग्रेस के लिए भस्मासुर साबित न हो जाये विधायक के बिगड़े बोल…? राजनीतिक भविष्य खोखला कर सकता हैं बड़बोलापन…? सांसद ने कही यह बात…

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बिलासपुर संभाग/ अक्सर विवादों में रहने वाले बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं, क्योंकि इस इस बार फिर उन्होंने बिलासपुर के सांसद अरुण साव के खिलाफ अशोभनीय शब्द का प्रयोग करते हुए उन्हें सोशल मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले कीड़े कहते हुए बयान दिया गया हैं, एक बड़े और प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनल को दिए गए अपने बयान में उन्होंने सांसद पर टिप्पणी करते हुए अमर्यादित शब्द का प्रयोग किया, इस बयान के बाद प्रदेश के कई हिस्सों में इसकी निंदा हो रही हैं, बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के लोगों ने कहा कि जनता स्वयं जानती हैं कि सोशल मीडिया में सुर्खियां बटोरने का काम बिलासपुर विधायक ज्यादा करते हैं, मीडिया मैनेजमेंट में माहिर बिलासपुर विधायक का खुद आये दिन कई जगहों पर फोटोबाजी करते हुए व पोज देते हुए फ़ोटो दिखाई देते रहता हैं। लोगों ने यह भी कहा कि पहले भी बिलासपुर में थाने के वर्चुअल लोकार्पण समारोह में मंत्री की मौजूदगी में अपने ही सरकार की पुलिस के खिलाफ अपने उद्बोधन के दौरान ही विधायक शैलेश पांडेय ने जुबानी हमला बोला था, जिसके बाद ऑनलाइन रहे गृहमंत्री को उन्हें टोकना पड़ा था, और बिलासपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी ऐसे विवादित बयानों से बचने नसीहत दी थी, परंतु बिलासपुर के विधायक शुरू से ही विवाद-प्रिय व्यक्ति रहे हैं, चाहे वे संगठन के पदाधिकारियों हो या प्रशासनिक अधिकारी या पुलिस प्रशासन…सभी से इनका विवाद क्रमशः होता आया हैं। बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के नागरिकों ने कहा कि विधायक शैलेश पांडेय के बिगड़े और अमर्यादित बोल कहीं कांग्रेस के लिए भस्मासुर साबित न हो जाये…? क्योंकि शब्दों की मर्यादा अगर कोई जनप्रतिनिधि या नेता भूल जाये तो जनता की नजर में वह शून्य होता जाता हैं, राजनीतिक जानकारों ने बताया कि बिलासपुर के विवादित विधायक शैलेश पांडेय राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के काफी करीबी माने जाते हैं, टीएस सिंहदेव एक सरल, सहज और व्यवहार-कुशल राजनेता माने जाते हैं ऐसे में उनके करीबी विधायक का किसी सांसद को ‘कीड़े’ शब्द से संबोधित करना बहुत ही शर्मनाक हैं।
आपको बता दे कि बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय पूर्व में सीवी रमन विश्वविद्यालय के कुलसचिव पद में रहे हैं उसके बाद वे इस्तीफा देकर राजनीति में लौटे हैं, काफी तामझाम कर, मीडिया को खुश कर व मैनेजमेंट कर वे विधायक बने हैं लोग उन्हें शिक्षाविद भी कहते हैं ऐसे में विधायक शैलेश पांडेय को चाहिए कि वे जिस पद में है उसमें आरोप-प्रत्यारोप चलता हैं पर किसी के खिलाफ ऐसी टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए जिससे छोटी मानसिकता की झलक नजर आए और जनता की नजर में अपनी छबि खराब हो, पर विधायक को इन सब बातों से कोई मतलब नही हैं इससे तो यही प्रतीत होता हैं। कभी कभी बड़बोलापन भी बेहद खतरनाक होता हैं जो राजनीतिक भविष्य को दीमक की तरह खोखला कर देता हैं।
अगर बिलासपुर के भाजपा के सांसद प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हैं तो विरोध और आरोप तो राजनीति में होता ही हैं पर वह विरोध और आरोप शब्दों की मर्यादा में रहकर शालीनता से की जाती हैं, बिलासपुर विधायक को भी विरोध करना था तो भाजपा जनप्रतिनिधियों और केंद्र सरकार पर अपना विरोध जताते, पर उनके द्वारा अशोभनीय भाषा का जो प्रयोग किया गया इससे जनता में काफी नाराजगी देखी गई। अब देखना हैं कि इस मामलें में भाजपा पार्टी क्या कदम उठाती हैं ?

इस मामले में सांसद अरुण साव ने कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को शब्दों भाषा की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए, जिस जनता ने भारी बहुमत से मुझे सांसद निर्वाचित किया हैं, उसी जनता का अपमान विधायक शैलेश पांडेय ने अपने बयान के माध्यम से किया हैं, जनता के प्रति मेरी जवाबदारी हैं और मैं पूरी ईमानदारी से जनता की सेवा में लगा हुआ हूँ, राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप चलते हैं लेकिन फिर भी राजनीति में शब्दों और भाषा की मर्यादा को ध्यान रखना चाहिए।

बिलासपुर भाजपा जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत ने कहा कि मुझे आज समाचार के माध्यम से ज्ञात हुआ कि बिलासपुर विधायक ने सांसद के बारे में जो शब्द कहे हैं वो अनुचित हैं, भाजपा की यह संस्कृति नहीं हैं लेकिन कांग्रेस की यह संस्कृति हैं, कांग्रेस में आपस में ही इन लोगों में ये सब बोलने का कंपटीशन चल रहा हैं। किसी के खिलाफ इस प्रकार के अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने की परम्परा शुरू से कांग्रेस की रही है जिसका निर्वहन बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय द्वारा किया जा रहा है, वैसे कांग्रेस की अगर बात चले तो उनकी पार्टी में नेताओ के बीच एक कम्पीटिशन चल रहा है कि कौन किसके बारे में कैसा टिप्पणी करता है कुछ दिन पूर्व कांग्रेस के दूसरे खेमे के द्वारा भाजपाईयों को बन्दर की संज्ञा दी गयी थी और आज बिलासपुर विधायक के द्वारा सांसद के खिलाफ ये अशोभनीय टिप्पणी की गई है, कांग्रेस के नेताओं के द्वारा पहले भी और अब जो अशोभनीय टिप्पणी की गई है भाजपा के द्वारा कांग्रेस के नेताओं की इस सोच और बयानबाजी की सर्वथा निंदा करती है।

भारतीय जनता युवा मोर्चा मुंगेली के महामंत्री अमितेश आर्य ने कहा कि कोरोना काल के समय स्वयं विधायक शैलेश पांडेय पंचायत चुनाव के लिए यूपी चले गए थे, उस समय बिलासपुर की जनता विधायक को खोज रही थी, उस समय वे जनता से रूबरू न होकर पार्टी में अपना नम्बर बढ़ाने चुनाव प्रचार करने गए थे, और उनके द्वारा जो सांसद के लिए अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया इसकी मैं कड़ी निंदा और विरोध करता हूँ, ये ऐसे विधायक हैं जो खुद अपने क्षेत्र को नहीं संभाल सकते, लोकप्रिय और सक्रिय सांसद के खिलाफ जो टिप्पणी किया गया हैं वह घोर निंदनीय हैं। बिलासपुर के विधायक हमेशा खुद विवादों में रहते हैं, उनके खिलाफ कई अपराध दर्ज हैं, उन्हें शब्दों की मर्यादा में रहकर अपनी बात कहनी चाहिए। महामंत्री अमितेश आर्य ने आगे कहा कि विधायक का यह बड़बोलापन उनके राजनीतिक भविष्य को खोखला कर सकता हैं, इनका यह बयान कांग्रेस पार्टी के लिए भस्मासुर साबित न हो जाये ?