मुंगेली/ एक वर्ष से अधिक हो गए कोरोना महामारी की वजह से पूरी दुनिया मानों थम सी गई थी, शुरुआती दिनों में देश में हालात बिगड़ने पर पूरे देश मे लॉकडाउन लगाया गया था, पहली लहर, फिर दूसरी लहर ने सभी का जीवन प्रभावित किया, केंद्र एवं राज्य सरकार वैक्सीनेशन सहित कोविड से बचाव के लिए कई मापदंडों का निर्धारण किया गया था, जैसे मॉस्क लगाना, फिजिकल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजर का उपयोग शामिल था, प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 11.06.2021 को आदेश जारी कर समस्त विभागों, समस्त संभागायुक्त, समस्त विभागाध्यक्ष सहित समस्त कलेक्टर को दिशा-निर्देश जारी किया गया हैं जिसमें कंडिका 03 में कहा गया हैं कि सभी अधिकारी/कर्मचारी कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम हेतु निर्धारित मापदंड जैसे मॉस्क लगाना, एक दूसरे से पर्याप्त दूरी बनाए रखना, सेनेटाइजर का समय-समय पर उपयोग करना इत्यादि का कड़ाई से पालन करने निर्देशित किया गया। अब इसमें एक बात सबसे महत्वपूर्ण हैं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुख्य आतिथ्य में 12 जून को दोपहर 12 बजे राजधानी रायपुर से वर्चुअल तरीके से स्थानीय पुराना बस स्टैंड स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल सामुदायिक भवन में 276.12 करोड़ के विकास कार्यो का लोकार्पण एवं भूमिपूजन होगा, इस कार्यक्रम के रूपरेखा बनने के बाद से ही मुंगेलीवासियों ने कहा कि जिस हिसाब से यह लोकार्पण कार्यक्रम तय किया गया हैं उसका स्थान कार्यक्रम के हिसाब से बहुत छोटा हैं क्योंकि इस कार्यक्रम में जिला प्रशासन के अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, कर्मचारियों, नेताओं, पत्रकारों एवं अन्य की उपस्थिति होगी, ऐसे में कोविड गाइडलाइंस का पालन करना जिला प्रशासन के समक्ष चुनौती भरा होगा, क्योंकि इस सामुदायिक भवन की जर्जर स्थिति को देखते हुए पर्दे लगाकर चौड़ाई कम कर दिया गया हैं जो एक विचारणीय प्रश्न हैं ?
मुंगेलीवासियों ने कहा कि स्थल चयन को लेकर जिला प्रशासन कटघरे में दिखाई दे रहा हैं, क्योंकि कार्यक्रम स्थल में पर्याप्त स्थान नहीं हैं जिससे कि कोविड गाइडलाइंस का पालन हो सके ? मुंगेली की जनता एवं नेताओं ने कहा कि कलेक्टर तो नए हैं पर ADM सहित अन्य अधिकारियों ने स्थल चयन को लेकर गंभीरता क्यों नहीं दिखाई यह एक गंभीर विषय हैं। क्योंकि वर्तमान समय में कलेक्टर नए हैं और कलेक्टर के बाद ADM को प्रमुख माना जाता हैं, तो ऐसे में जनता ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्थल चयन को लेकर ADM और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को गंभीरता दिखानी थी। दिलचस्प बात यह हैं कि नियम-कानून-निर्देश बनाने और जारी करने वाले अधिकारियों की उपस्थिति में आज के कार्यक्रम में कोविड गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ती हैं या नहीं, ये देखने वाली बात होगी..?
आपको बता दे कि कुछ दिन पहले मुंगेली में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के लोकार्पण कार्यक्रम में कोविड गाइडलाइंस की धज्जियाँ उड़ते देखी गई थी, जिसमें इस स्कूल उद्घाटन में एक तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने उद्बोधन में कोविड के दिशा-निर्देशों का पालन करने की बात कह रहे थे, मुख्यमंत्री द्वारा मॉस्क का उपयोग और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने कहा गया पर इस कार्यक्रम की जैसी ही समाप्ति हुई, और मुख्यमंत्री जैसे ही ऑफलाइन हुए मंच में कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियाँ उड़ती दिखी, अधिकारियों, अतिथियों के साथ स्कूल के समस्त स्टॉप का एक फोटोसेशन मंच में हुआ जिसमें मॉस्क और फिजिकल डिस्टेंसिंग को दरकिनार कर दिया गया। अब देखना हैं कि आज के कार्यक्रम में कोविड गाइडलाइंस का कितना पालन होता हैं ?
इस बारे में भाजपा जिलाध्यक्ष शैलेष पाठक ने कहा कि एक तो जिन कार्यो का लोकार्पण किया जा रहा है वें भाजपा के शासन काल मे ही पूर्ण हो गए थे,वर्तमान की कांग्रेस सरकार उन कार्यो का लोकार्पण कर वाहवाही लूट रही है,वही कार्यक्रम को लेकर जो स्थल चयन किया गया है वो उचित नही है क्योंकि अभी के कोरोना काल के समय मे कोरोना गाईडलाइन का पालन करना अनिवार्य है साथ ही जिले में धारा 144 भी लागू है ऐसे समय मे भीड़ एकत्रित करना किसी भी हाल में सही नही है,वही उन्होंने कांग्रेस की सरकार में विपक्ष के जनप्रतिनिधियों के उपेक्षा करने का भी आरोप लगाया है
जिला भारतीय जनता युवा मोर्चा के महामंत्री अमितेश आर्य ने कहा कि कोविड गाइडलाइंस के तहत होटल और रेस्टोरेंट में 50 % बैठने की अनुमति दी गई हैं, तो इस कार्यक्रम में भी जितनी स्थल की क्षमता हैं उसमें 50 % की ही उपस्थिति होनी चाहिए, एक कुर्सी छोड़ बैठक व्यवस्था की जानी चाहिए, एक छोटे से हाल में इतनी भीड़ कैसे की जा सकती हैं ? श्री आर्य ने आगे कहा कि कोविड गाइडलाइंस का उल्लंघन जब प्रशासन में बैठे जिम्मेदार अधिकारी करेंगे तो आम जनता का सवाल ही नहीं उठता ? इससे साफ जाहिर हैं कि तीसरी लहर के प्रति गंभीर नहीं हैं, कोरोना में कइयों की मृत्यु हो गए कई अनाथ हो गए उसके बाद भी अधिकारी ये नहीं सोच रहे कि हमें ऐसा नही करना चाहिए, अपने ही आदेशो का अधिकारी पालन नहीं कर रहे तो जनता कैसे करेगी।
वही कार्यक्रम के स्थल चयन को लेकर हुई चूक को लेकर कांग्रेस नेताओं से उनका राय लेने पर वें कुछ भी कहने से बचते नजर आए।