रायगढ़.
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में बुधवार का दिन वीआईपी नेताओं के आगमन की वजह से गहमा-गहमी भरा रहा। शहर के चैक-चैराहों में लोगों की भारी भीड़ रही। इसी बीच शाम के समय घरघोड़ा क्षेत्र से एक प्रसूता महिला को रायगढ़ अस्पताल लाते समय उनका निजी वाहन भीड़ में फंस गया। जिसके बाद रायगढ़ पुलिस ने मानवता का परिचय देते हुए उक्त वाहन को मानव श्रृंखला बनाकर केजीएच अस्पताल तक पहुंचाने में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई है। जहां अस्पताल पहुंचते ही महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। अब जच्चा और बच्चा दोनों ही स्वस्थ्य हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार को शहर में वीवीआईपी आगमन को लेकर काफी भीड़ थी। इसी दरमियान शाम करीब 6ः30 बजे घरघोड़ा से रायगढ़ प्रसूति के लिए निजी वाहन में केजीएच अस्पताल जा रही वाहन भीड़ में फंस गई। घरघोड़ा क्षेत्र के ग्राम कुडूमकेला की गर्भवती महिला मोहरमति सीएचसी घरघोड़ा में प्रसव के लिये भर्ती थी। जिसे रायगढ़ अस्पताल रेफर किया गया। महिला का परिवार उसे निजी वाहन में लेकर केजीएच अस्पताल आ रहे थे। जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचने को लेकर वे आज प्रतिबंधित किए गए मार्ग में प्रवेश कर एसपी ऑफिस के समीप भीड़ में फंस गए और आगे नहीं बढ़ पा रहे थे। निजी वाहन होने के कारण किसी का ध्यान वाहन में प्रसव पीड़ा में तड़प रही महिला की ओर नहीं गया। तभी ड्यूटी पर तैनात थाना कोतवाली के प्रधान आरक्षक हेमंत पात्रे और साइबर सेल के स्टाफ नवीन शुक्ला रोड़ क्लीयर कराने वाहन के पास पहुंचे। तब उन्हें वाहन में गर्भवती महिला के होने की जानकारी मिली। महिला की स्थिति बेहद गंभीर थी। वाहन में ही शिशु को जन्म देने वाली थी।
पुलिस कर्मियों ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुये मार्ग पर व्यवस्था में लगे पुलिस अधिकारियों और जवानों को वाहन में सीरियस मरीज होने की जानकारी देकर मार्ग के दोनों और मानव श्रृंखला बनाते हुए पूरा रोड क्लियर करते हुए वाहन को अस्पताल तक पहुंचाया। वाहन को भीड़ से निकाल कर अस्पताल तक पहुंचने में थाना कोतवाली के प्रधान आरक्षक हेमंत पात्रे साइबर सेल के आरक्षक नवीन शुक्ला, धनंजय कश्यप और पुष्पेंद्र जाटव का विवेकपूर्ण सराहनीय भूमिका रही है।