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मध्य प्रदेश वित्तीय संकट में सीएम ने सरकार में 38 विभागों पर लगाई बंदिश

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भोपाल

प्रदेश में डॉ. मोहन यादव की सरकार बनने के साथ ही वित्त विभाग ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्राथमिकता वाली दो दर्जन से अधिक योजनाओं पर कैंची चला दी है। इसके लिए वित्त विभाग ने 38 विभागों की अलग-अलग योजनाओं पर वित्त विभाग की अनुमति लिए बिना किसी तरह का खर्च करने या भुगतान करने पर रोक लगा दी है।

 वित्तीय चुनौती के बीच प्रदेश सरकार के ऊपर तीन लाख 31 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। हालांकि, राज्य सरकार की वित्तीय स्थिति ऐसी है कि वह अब भी 15 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले सकती है, लेकिन प्रयास यही होगा कि स्वयं के वित्तीय संसाधन को बढ़ाया जाए। इसके लिए वित्त विभाग ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि राजस्व संग्रहण का निर्धारित लक्ष्य हर हाल में पूरा किया जाए।
अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि देने की योजना समाप्त कर दी गई है

नई सरकार ने फिलहाल 38 विभागों की योजनाओं पर वित्तीय रोक लगा दी है। वित्त विभाग ने इसका आदेश भी जारी कर दिया है। इसमें नगरीय प्रशासन विभाग की महाकाल परिसर विकास योजना, मेट्रो ट्रेन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग द्वारा संचालित तीर्थ दर्शन योजना शामिल हैं। इसके अलावा अपंजीकृत निर्माण मजदूरों को अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि देने की योजना समाप्त कर दी गई है।

अन्य योजनाओं में व्यय बिना वित्त विभाग की अनुमति के नहीं किया जा सकेगा

गृह विभाग के अंतर्गत थानों के सुदृढ़ीकरण, परिवहन विभाग की ग्रामीण परिवहन नीति के क्रियान्वयन, खेल विभाग के खेलो इंडिया एमपी, सहकारिता विभाग की मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना, लोक निर्माण विभाग की विभागीय संपत्तियों के संधारण, स्कूल शिक्षा विभाग की निश्शुल्क पाठ्य सामग्री आपूर्ति, प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को लैपटाप आपूर्ति, एनसीसी के विकास एवं सुदृढीकरण, जनजातीय कार्य विभाग द्वारा टंट्या भील मंदिर के जीणोद्धार, उच्च शिक्षा विभाग की योजना, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के नए आईटी पार्क की स्थापना, विमानन विभाग की भू-अर्जन के लिए मुआवजा, ग्रामीण विकास विभाग की पीएम सड़क योजना में निर्मित सड़कों का नवीनीकरण और महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए भवन निर्माण सहित अन्य योजनाओं में व्यय बिना वित्त विभाग की अनुमति के नहीं किया जा सकेगा।

उधर, प्रदेश के अपंजीकृत निर्माण मजदूरों को अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि नहीं दी जाएगी। नई राज्य सरकार ने नौ साल पहले शिवराज सरकार के समय बनाई योजना, जिसमें अपंजीकृत निर्माण श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए उनकी दुर्घटना में मृत्यु पर तीन हजार रुपये अंत्येष्टि सहायता एवं एक लाख रुपये अनुग्रह राशि देने का प्रविधान था, को बंद कर दिया है।

75 हजार रुपये अनुग्रह राशि देने का भी प्रविधान था

मध्य प्रदेश श्रम विभाग के अंतर्गत कार्यरत भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल ने चार दिसंबर 2014 को मंडल में अपंजीकृत निर्माण श्रमिकों को भी सामाजिक सुरक्षा देने की योजना जारी की थी। इसमें दुर्घटना में स्थाई अपंगता आने पर 75 हजार रुपये अनुग्रह राशि देने का भी प्रविधान था। 13 जनवरी 2017 में इस योजना में बदलाव कर प्रविधान किया गया था कि दुर्घटना में मृत्यु होने पर चार लाख रुपये एवं दुर्घटना में स्थाई अपंगता आने पर दो लाख रुपये अनुग्रह राशि दी जाएगी। अब यह योजना पूरी तरह बंद कर दी गई है।