नई दिल्ली
भारत के लिए एक के बाद एक गुड न्यूज सामने आ रही हैं. दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती इकोनॉमी (Indian Economy) में इन दिनों शेयर बाजार तूफानी तेजी से भागते हुए रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है, तो विदेशी निवेशक (Foregin Investors) भी देश पर मेहरबान नजर आ रहे हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते सप्ताह भारत के विदेशी मुद्रा भंडार (India Forex Reserve) में तगड़ा उछाल देखने को मिला है. ये 2.8 अरब डॉलर से ज्यादा बढ़ गया है.
606 अरब डॉलर हुआ फॉरेक्स रिजर्व
Share Market में तेजी के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (Foreign Portfolio Investors) भारत के बाजारों में खूब पैसा लगा रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, बीते सप्ताह देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.816 अरब डॉलर बढ़कर चार महीने के उच्च स्तर 606.859 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. इससे पिछले सप्ताह भी भारत का फॉरेक्स रिजर्व करीब 6 अरब डॉलर बढ़ा था.
एफसीए में दिखाई दिया तगड़ा इजाफा
गौरतलब है कि साल 2021 के अक्टूबर महीने में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अपने रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंचा था और ये आंकड़ा 645 अरब डॉलर था. इसके बाद इसमें गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया था, लेकिन अब एक बार फिर ये लगातार बढ़ रहा है. RBI द्वारा जो आंकड़े जारी किए गए हैं, उनके मुताबिक देश की विदेशी मुद्रा आस्तियां (Foreign Currency Asset) में भी इजाफा देखने को मिला है. FCAs में 3.09 अरब डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसके बाद एफसीए रिजर्व 536.70 अरब डॉलर पर पहुंच गया है.
Gold रिजर्व में आई गिरावट
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में Foreign Currency Asset का अहम रोल होता है, डॉलर में अभिव्यक्त की जाने वाले विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसे गैर अमेरिकी मुद्राओं में आई घट-बढ़ के प्रभावों को भी शामिल किया जाता है. हालांकि, 8 दिसंबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान देश का गोल्ड रिजर्व घटा है. इसमें 199 मिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है और ये घटकर 47.13 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया है.
आईएमएफ के पास रखे रिजर्व में कमी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा शेयर गए आंकड़ों पर गौर करें तो बीते सप्ताह ना केवल गोल्ड रिजर्व में गिरावट आई है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ (IMF) के पास रखे हुए देश के मुद्रा भंडार में भी गिरावट दर्ज की गई है. ये रिजर्व 11 मिलियन डॉलर की कमी के साथ 4.84 अरब डॉलर रह गया है.