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Zee-Sony के विलय पर NCLAT की राहत, रोक लगाने की याचिका को किया खारिज

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नई दिल्ली
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) और सोनी के विलय पर राहत दी है। दरअसल, एनसीएलएटी ने 10 बिलियन डॉलर की मीडिया दिग्गज कंपनी बनाने पर रोक लगाने का आदेश जारी करने से इनकार कर दिया है। इस खबर के बाद जी एंटरटेनमेंट के शेयरों में तेजी आई और इसकी कीमत 286.50 रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। बता दें कि शेयर ने 12 दिसंबर को 299.50 रुपये को टच किया था, जो 52 सप्ताह का उच्चतम भी है।

क्या है मामला
कंपनी के लेंडर्स- आईडीबीआई बैंक और एक्सिस फाइनेंस ने पहले जी एंटरटेनमेंट के कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट, पूर्व में सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया, के साथ विलय के खिलाफ याचिका दायर की थी। उन्होंने विलय को मंजूरी देने के नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ के 10 अगस्त, 2023 के आदेश को चुनौती दी थी। एनसीएलटी ने विलय को मंजूरी देने के अपने फैसले में आईडीबीआई ट्रस्टीशिप, आईडीबीआई बैंक, एक्सिस फाइनेंस, जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी और आईमैक्स कॉर्प जैसे वित्तीय संस्थानों के अनुरोधों को खारिज कर दिया।

इसके बाद आईडीबीआई और एक्सिस फाइनेंस ने एनसीएलएटी में अपील करके इस फैसले का विरोध किया। बीते 31 अक्टूबर को आखिरी सुनवाई के दौरान एनसीएलएटी ने मामले को न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अशोक भूषण की अध्यक्षता वाले पैनल में स्थानांतरित कर दिया था। इससे पहले, अगस्त 2023 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने जी एंटरटेनमेंट के प्रमोटर सुभाष चंद्रा और अन्य के खिलाफ अपने मुकदमे में जी, एस्सेल मॉरीशस और सोनी को शामिल करने के लिए एक्सिस फाइनेंस द्वारा दायर एक आवेदन को खारिज कर दिया था। कंपनी सुभाष चंद्रा से 146 करोड़ रुपये की वसूली करना चाह रही थी।