मुंबई
बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता श्रेयस तलपड़े को मुंबई में गुरुवार को दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ गया। 47 वर्ष के अभिनेता को अस्पताल में एडमिट कराया गया है। बताया जा रहा है कि वो अपनी अगली फिल्म 'वेलकम टू द जंगल' की शूटिंग कर रहे थे और शूटिंग करने के बाद उन्हें अटैक आ गया और बेहोश हो गए। उन्हें मुंबई के अंधेरी पश्चिम में बेलेव्यू अस्पताल में एडमिट कराया गया है और एंजियोप्लास्टी (angioplasty) दी गई है।
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, तलपड़े बिल्कुल ठीक थे और पूरे दिन शूटिंग की। शूटिंग के बाद वो सेट पर सभी के साथ मजाक कर रहे थे। कुछ ऐसे सीन भी शूट किये गए जिनमें थोड़ा एक्शन था। शूटिंग खत्म करने के बाद वह घर वापस गए और अपनी पत्नी से कहा कि वह असहज महसूस कर रहे हैं। वह उन्हें अस्पताल ले गई लेकिन वह रास्ते में ही बेहोश गए।
रिपोर्ट के अनुसार अभिनेता को एंजियोप्लास्टी उपचार दिया गया है। एंजियोप्लास्टी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल कोरोनरी आर्टरी डिजीज के कारण ब्लॉक हुई कोरोनरी आर्टरी को खोलने के लिए किया जाता है। फिलहाल उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। चलिए समझते हैं कि एंजियोप्लास्टी क्या है, इसकी नौबत किसे और क्यों आती है?
एंजियोप्लास्टी क्या है?
एंजियोप्लास्टी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उपयोग कोरोनरी धमनी रोग के कारण अवरुद्ध कोरोनरी धमनियों को खोलने के लिए किया जाता है। यह ओपन-हार्ट सर्जरी के बिना हृदय की मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह को बहाल करता है।
किसे होती है एंजियोप्लास्टी की जरूरत?
दिल का दौरा पड़ने जैसी आपातकालीन स्थिति में एंजियोप्लास्टी की जा सकती है। अगर आपके डॉक्टर को संदेह है कि आपको हृदय रोग है तो इसे वैकल्पिक सर्जरी के रूप में किया जा सकता है। एंजियोप्लास्टी को परक्यूटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन (पीसीआई) भी कहा जाता है।
एंजियोप्लास्टी में क्या किया जाता है?
एंजियोप्लास्टी के दौरान एक लंबी, पतली ट्यूब (कैथेटर) को रक्त वाहिका में डाला जाता है और ब्लाक आर्टरी को खोलने का प्रयास किया जाता है। कैथेटर के सिरे पर एक छोटा गुब्बारा होता है। एक बार जब कैथेटर अपनी जगह पर लग जाता है, तो हृदय धमनी के संकुचित हिस्से में गुब्बारा फुलाया जाता है। यह धमनी के किनारों पर प्लैक या ब्लड क्लॉट को दबाता है, जिससे रक्त प्रवाह के लिए अधिक जगह बन जाती है।
इन समस्याओं के इलाज में की जाती है एंजियोप्लास्टी
क्रोनरी आर्टरी डिजीज, पेरिफेरल आर्टरी डिजीज, कैरोटिड आर्टरी डिजीज और क्रोनिक आर्टरी डिजीज में एंजियोप्लास्टी का इस्तेमाल किया जा सकता है। कुल मिलकार इसका इस्तेमाल रक्त वाहिकाओं में जमा फैट और कोलेस्ट्रॉल से बने प्लैक को हटाने के लिए किया जाता है ताकि ब्लड फ्लो में सुधार किया जा सके।
एंजियोप्लास्टी के बाद क्या होता है?
एंजियोप्लास्टी के बाद क्या होता है?
एंजियोप्लास्टी करने के बाद आपका डॉक्टर कैथेटर्स को बाहर निकाल देता है और उस स्थान को ढकने के लिए एक पट्टी का उपयोग करता है, जहां कैथेटर्स आपकी त्वचा में गए थे। इसके बाद आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि कोई रक्तस्राव रोकने के लिए घाव पर दबाव डाल रहा है। आपको बाद में दर्द हो सकता है।
एंजियोप्लास्टी के क्या फायदे हैं?
- इसमें सर्जिकल प्रक्रिया की तुलना में कम जोखिम और कम लागत लगती है।
- जहां कैथेटर थे वहां से आपको केवल एक घाव होगा और आपके IV से एक छोटा घाव होगा।
- जरूरत पड़ने पर डॉक्टर आपकी एंजियोप्लास्टी के दौरान एक स्टेंट भी लगा सकता है।