नई दिल्ली,
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर क्षेत्र 'भारत के विकास का पावरहाउस' बन गया है।
असम के पूर्व मुख्यमंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी ने अपने नौ साल के कार्यकाल के दौरान क्षेत्र के लिए अपनी गारंटी से कहीं अधिक काम किया है और इस दौरान कांग्रेस के शासन में दशकों की 'उपेक्षा' का सामना करने वाले पूर्वोत्तर क्षेत्र में 'शांति और सुरक्षा' बहाल हुई है।
सोनोवाल ने कहा कि सड़क, रेलवे, जलमार्ग और हवाई संपर्क सहित बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए नौ वर्षों में क्षेत्र के आठ राज्यों को पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान दिया गया है। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डों की संख्या नौ से बढ़कर 17 हो गई है।
पूर्वोत्तर में सबसे शक्तिशाली राजनीतिक ताकत रही कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद, प्रदर्शन, कमजोर सरकारें, खराब नीतियां और घोटालों ने उसके शासन में क्षेत्र को प्रभावित किया क्योंकि लोगों को अनिश्चित भविष्य का सामना करना पड़ा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस क्षेत्र के संसाधनों को लूटने में दिलचस्पी रखती थी जबकि लोगों को बुनियादी जरूरतों के लिए विरोध प्रदर्शन करना पड़ता था। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासन काल में क्षेत्र के प्रतिनिधियों को मंत्रियों और अधिकारियों से मिलने का समय पाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में महीनों इंतजार करना पड़ता था, जो अक्सर व्यर्थ जाता था।
सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार ने क्षेत्र के लोगों तक पहुंच बनाई है और प्रधानमंत्री ने खुद रिकॉर्ड 64 बार यहां का दौरा किया है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों ने पिछले दो वर्षों में 362 बार और नौ वर्षों में 800 से अधिक बार क्षेत्र का दौरा किया है, क्योंकि प्रधानमंत्री ने उन्हें और अधिकारियों को वहां विकास को बढ़ावा देने के लिए ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ काम करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने क्षेत्र में शांति और गौरव बहाल करने के लिए समर्पण, प्रतिबद्धता और देशभक्ति से प्रेरित नेतृत्व दिखाया है, जिसे जी20 आयोजन के दौरान दुनिया के सामने अपनी संस्कृति और सभ्यता का प्रदर्शन करने का मौका मिला।
भाजपा नेता ने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का फल मिला है और पूर्वोत्तर अब जाग गया है।
उन्होंने कहा, ''यह भारत के विकास का पावरहाउस बन गया है और एक महत्वपूर्ण गंतव्य बन गया है।''
सोनोवाल ने कहा कि 8,000 से अधिक उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है जबकि सुरक्षा संबधी हालात में सुधार के कारण क्षेत्र के कई हिस्सों से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम वापस ले लिया गया है।