नई दिल्ली। राजस्थान हाईकोर्ट से आसाराम को तगड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट में दाखिल आसाराम की अंतरिम जमानत अर्जी को कोर्ट ने ठुकरा दिया है। यौन शोषण के आरोप में जोधपुर सेंट्रल जेल में सजा काट रहे आसाराम ने बीमारी का इलाज करवाने के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी, जिसे राजस्थान हाई कोर्ट ने नामंजूर कर दिया है। इस मामले में जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस देवेंद्र कछवाहा की खंडपीठ सुबह 9 बजे सुनवाई की। पहले आसाराम की अर्जी पर सुनवाई गुरुवार को होनी थी, लेकिन राजस्थान के पूर्व सीएम जगन्नाथ पहाडिय़ा के निधन के कारण गुरुवार को प्रदेश में राजकीय शोक घोषित किया गया था। लिहाजा, अदालतों में भी अवकाश रहा था। आसाराम ने अपनी अर्जी में कहा है कि उनको एलोपैथी का इलाज नहीं बैठता है, इसलिये उन्हें आयुर्वेद इलाज की इजाजत दी जाए। वहीं आज हुई सुनवाई में हाई कोर्ट उनकी अर्जी को ठुकरा दिया है।
कोरोना संक्रमित आसाराम का फिलहाल अभी जोधपुर एम्स में इलाज चल रहा है। हालांकि बीच में उन्हें एंडोस्कोपी करवाने के लिए एम्स से मथुरादास माथुर हॉस्पिटल लाया गया था। जानकारी के मुताबिक आसाराम को अल्सर की भी समस्या है। इसीलिए एंडोस्कोपी करवाने के लिए उन्हें मथुरादास माथुर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। यहां उनकी सर्जरी कराई गई थी। जानकारी के मुताबिक सर्जरी से पहले आसाराम को कई यूनिट खून भी चढ़ाया गया। क्योंकि डॉक्टरों के अनुसार आसाराम के शरीर में खून की कमी है।
वहीं कोर्ट में दाखिल अपनी जमानत याचिका में आसाराम ने कहा है कि वह कोरोना पॉजिटिव है और हरिद्वार में आयुर्वेदिक उपचार के लिए जाना चाहता है। इसलिए उसे जमानत दी जाए। इस पर खण्डपीठ ने पिछली सुनवाई में आसाराम का इलाज एम्स में करने के आदेश दिया और अगली सुनवाई के दौरान एम्स को आसाराम के स्वास्थ्य की स्थिति को लेकर नई रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे। आज की सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि आसाराम का इलाज एम्स में संभव है, इसलिए उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया।