- 18 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी नागरिकों की अब तक हो चुकी मौत
- गाजा पट्टी में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे हुए हैं जंग का शिकार
- दुनियाभर के देश इजरायल पर डाल रहे गाजा में जंग रोकने का दबाव
तेल अवीव
इजरायल ने कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नाराजगी की चिंता किए बिना गाजा में लड़ाई जारी रखेगा। इजरायल ने साफ कर दिया है कि उसका युद्धविराम की तरफ जाने का कोई इरादा नहीं है, भले ही वह अंतरराष्ट्रीय समर्थन खो दे। इजरायल की ओर से ये बयान ऐसे समय आया है, जब उस पर गाजा में युद्ध रोकने का भारी दबाव है। गाजा में इजरायली सेना के हमले में आम लोगों की मौतों पर दुनियाभर में उसे आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इजरायल से लगातार युद्धविराम की अपीलें भी दुनिया के अलग-अलग देशों के नेता कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी युद्धविराम पर प्रस्ताव पास हो गया है। हालांकि इजरायल ने युद्धविराम की तरफ जाने से साफ इनकार कर दिया है।
इजरायल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने बुधवार को एक बार हमास को पूरी तरह से खत्म करने की बात दोहराई है। उन्होंने कहा कि हमास की सैन्य और राजनीतिक पूरी तरह से खत्म होने के बाद ही गाजा में लड़ाई रुकेगी, उसस पहले हम अपने अभियान को नहीं रोकेंगे। कोहेन ने कहा, इस समय गाजा में युद्धविराम के लिए राजी होने का मतलब हमास को एक गिफ्ट देना है। युद्ध विराम के चलते मिले समय को हमास खुद को मजबूत करने में करेगा, जो इजरायल के लिए खतरा बनेगा। ऐसे में इजराइल हमास के खिलाफ अपना युद्ध जारी रखेगा। इसके लिए वह इसकी फिक्र नहीं करेगा कि उसको अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिल रहा है या नहीं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी युद्धविराम पर प्रस्ताव
गाजा में जारी जंग को लेकर दुनियाभर में चिंता है। इसी के चलते मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने गाजा में युद्धविराम की मांग वाले प्रस्ताव को भारी बहुमत से पास किया है। संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यों में से 153 ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया है, भारत ने भी जंग और रोकने के पक्ष में अपना वोट दिया है। इस प्रस्ताव के खिलाफ सिर्फ 10 देशों ने वोट किया है। जिसमें इजरायल के अलावा अमेरिका शामिल है। इससे साफ जाहिर कि दुनिया के ज्यादातर देश गाजा में जारी लड़ाई को रोके जाने के पक्ष में हैं। इजरायल और अमेरिका ही लड़ाई को जारी रखने के पक्ष में अड़े हुए हैं।
बता दें कि इजरायल की ओर से गाजा पट्टी में बीते दो महीने से ज्यादा समय से हमले किए जा रहे हैं। इजरायल का कहना है कि 7 अक्टूबर के हमले का बदला लेने के लिए वह हमास को निशाना बनाते हुए ये कार्रवाई कर रहा है। वहीं दूसरी और फिलिस्तीनी प्राधिकरण और हमास का कहना है कि इजरायल के हमलों में आम लोग मारे जा रहे हैं। इजरायल की सेना रिहाइशी इलाकों को निशाना बना रही है, जिससे आम लोग मर रहे हैं।