रतलाम
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में परास्त हुई कांग्रेस को हार के कारण की तलाश है. मगर अब कांग्रेस के से जुड़े रहे कई नेता ही प्रदेश के नेतृत्व पर सवाल खड़े कर रहे हैं. कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू (Premchand Guddu) ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh ) और कमलनाथ (Kamalnath) पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि दोनों नेताओं के अहंकार की वजह से कांग्रेस को मध्य प्रदेश में हार का सामना करना पड़ा है.
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस को बड़ी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. इतनी बड़ी पराजय का कांग्रेस नेताओं को जरा भी ज्ञान नहीं था.अब हार का ठीकरा कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर फोड़ा जा रहा है. कांग्रेस से सांसद और दो बार विधायक रहे प्रेमचंद गुड्डू ने कांग्रेस की हार का कारण पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ का अहंकार करार दिया है.
प्रेमचंद गुड्डू ने चर्चा के दौरान कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनी. उन्होंने अपनी मर्जी से टिकट वितरण की किया. यदि कांग्रेस थोड़ा चिंतन मनन करती तो शायद कुछ और सीट मिल सकती थी. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी अपने कई रिश्तेदारों को टिकट दिलवा दिया. उनके भाई-भतीजे सहित सात रिश्तेदार चुनाव हार चुके हैं. परिवारवाद के कारण भी कांग्रेस को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू के चुनाव लड़ने की वजह से आलोट में कांग्रेस तीसरे नंबर पर चली गई थी. कांग्रेस ने पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू की बेटी रीना बोरासी को सांवेर से टिकट दिया था. उन्हें भी भारी अंतर से पराजय का सामना करना पड़ा.
कांग्रेस के टिकट वितरण पर उठे सवाल
उज्जैन जिले की तराना विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक चुने गए महेश परमार ने भी टिकट वितरण को लेकर बयान दिया था कि टिकट वितरण भी हार के कारण में शामिल है. उन्होंने अभी कहा कि कांग्रेस के बड़े नेता हर को लेकर सभी बिंदुओं पर मंथन कर रहे हैं. महेश परमार ऐसी सीट से जीत दर्ज कराया जहां पर दूसरी बार लगातार कोई भी विधायक नहीं बन पाया. कांग्रेस प्रवक्ता विवेक गुप्ता के मुताबिक विधानसभा सीटों पर इतनी बड़ी हार के एक दो नहीं बल्कि गई कारण हैं. जिन पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी मंथन कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव में भी वक्त बचा है लोकसभा चुनाव के पहले सारी गलतियों को दूर कर लिया जाएगा. कांग्रेस एक बार फिर लोकसभा चुनाव में पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरेगी.