भोपाल
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, 'मामा का रिश्ता प्यार का है, भैया का रिश्ता विश्वास का है, दोनों टूटने नहीं दूंगा।'
इससे पहले शिवराज सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार लाड़ली बहनों से मुलाकात की. इस मौके पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री काफी भावुक दिखे. कुछ लाड़ली बहनें तो शिवराज से गले लगकर रोने लगीं, जिनका वह ढांढस बंधाते रहे. शिवराज से मुलाकात करने आई महिलाओं ने उनसे कहा कि वह उनका साथ कभी नहीं छोड़ेंगी.
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार मीडिया से रूबरू हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वह प्रदेश के नए सीएम को बधाई देता हूं. नए विधानसभा अध्यक्ष को भी बधाई. मुझे पूरी उम्मीद है कि सीएम मोहन यादव के नेतृत्व में एमपी तेजी से विकास करेगा. मैं सदैव उनका सहयोग करता रहूंगा. विधानसभा चुनाव से पहले और उस दौरान भी बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश नहीं किया था. हालांकि, शिवराज चौहान ने इस दौरान प्रदेश के हर कोने में जाकर चुनाव प्रचार किया था.
‘आज मैं यहां से विदा ले रहा हूं’
भाजपा के दिग्गज नेता शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा, ‘मेरे मन में आज संतोष का भाव है. साल 2003 में उमा भारती के नेतृत्व में सरकार बनी थी. उसी सरकार को मैंने आगे चलाई. वर्ष 2008 और 2013 जानता के आशीर्वाद से हमारी सरकार बनी. साल 2018 में भी हमारा वोट प्रतिशत ज्यादा था, सीट जरूर कम थी. वर्ष 2023 में जनता के आशीर्वाद से फिर सरकार बनी है. इस बात का मेरे मन में संतोष है. आज मैं यहां से विदा ले रहा हूं.’
मैं अपनी विदाई से संतुष्ट
वहीं सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने 2003 में उमा भारती के सीएम बनने से लेकर अभी तक के अपने कार्यकाल का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैं अपनी विदाई से पूरी तरह संतुष्ट हूं। मोहन यादव को बहुत-बहुत बधाई। शिवराज सिंह ने कहा-'मुझे पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में भाजपा की सरकार जो तेजी से काम चल रहे हैं, उन्हें पूरा करेगी। लोक कल्याणकारी योजनाओं को लागू करेगी और प्रगति और विकास की दृष्टि से मध्य प्रदेश नई ऊंचाइयां छुएगा'
बता दें कि सोमवार को भारतीय जनता पार्टी विधायक दल की बैठक में मोहन यादव को सर्वसम्मति से बीजेपी विधायक दल का नेता चुन लिया गया। उनके नाम का प्रस्ताव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रखा जिसका सभी विधायकों ने समर्थन किया। विधायक दल की बैठक के बाद शिवराज सिंह चौहान राजभवन पहुंचे और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।