रायपुर.
बीते दिनों राजधानी रायपुर के माना संप्रेषण गृह से सात बच्चे शनिवार रविवार की रात के दरमियान भाग गए थे। जिनकी पुलिस बेसब्री से तलास कर रही थी। जिन्हें बाद में पुलिस ने कांकेर जिले से पकड़ा और वापस बाल सुधार गृह लाकर छोड़ दिया गया। जब इन बच्चों की जांच की गई तो यह पता चला कि यह इनमें से 6 बच्चे 18 साल की उम्र से बड़े हो चुके हैं जिन्हें खुद इस बात का अंदाजा ही नहीं था।
पुलिस ने जब उनके कागजों की जांच की तो सात बच्चों में से 6 बच्चे 18 साल के ऊपर 4 महीने से 19 साल के बीच के थे। इसके बाद पुलिस ने सभी 6 बच्चों को रायपुर जिला कोर्ट में पेश किया। जहां से कोर्ट ने सभी को सेंट्रल जेल भेज दिया है। मामले में माना थाना प्रभारी भावेश गौतम ने कहा कि 6 बच्चे बालिग हो गए थे, यह हमें माना संप्रेषण गृह जाने के बाद पता चला, इसके बाद हमने सभी के ऊपर मामला बनाते हुए कोर्ट में पेश किया है। जहां से कोर्ट ने उन्हें सेंट्रल जेल में भेजा है।
शनिवार की रात भागे थे बच्चे
बता दे कि यह सभी साथ बच्चे शनिवार की रात दीवार कूद के भाग गए थे। बाल संप्रेषण गृह में जब इन्हें वहां के कर्मचारी ने रोका तो उनके द्वारा कर्मचारी पर जानलेवा हमला भी किया गया। सुबह होते ही बल सुधार गृह से बच्चों के भागने की खबर तेजी से फैल रही थी। इस बीच माना पुलिस को इसकी शिकायत की गई और पुलिस बच्चों की तलाश में जुड़ गई थी। सीसीटीवी खंगालने के बाद या पता चला कि बच्चे कांकेर जिले पहुंच चुके हैं। पुलिस फौरन स्थानीय पुलिस से संपर्क करते हुए इन्हें पकड़ कर रायपुर लेकर आई है। पुलिस के अनुसार इनमें से तीन के ऊपर हत्या का आरोप भी है। यह सभी बच्चों ने पहले से ही भगाने का प्लान बना रखा था जिसमें वह सफल हो गए।
प्रबंधन की लापरवाही पहली नहीं
बाल संप्रेषण गृह से बच्चों की भागने की वारदात यह पहले नहीं है इससे पहले भी कई बार बच्चे बाल संप्रेषण गृह से भाग चुके हैं लगातार प्रबंधन की लापरवाही के चलते बच्चे बाल संप्रेषण गृह से भाग जाते हैं बरहाल अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन प्रबंधन पर इस लापरवाही को लेकर किस तरह की कार्रवाई करता है।