नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद पर एक यादव को बिठाया है। पार्टी के इस कदम को हिंदी हर्ट लैंड और अन्य राज्यों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) तक पहुंच के रूप में देखा जा रहा है। ओबीसी देश का सबसे बड़ा समुदाय है। मोहन यादव के सीएम बनने के अलावा, पार्टी में चार केंद्रीय मंत्री- भूपेंद्र यादव, राव इंद्रजीत सिंह, नित्यानंद राय और अन्नपूर्णा देवी भी इसी जाति से हैं।
बीजेपी के बड़े यादव नेता
पार्टी के निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था संसदीय बोर्ड में सुधा यादव और पिछड़ा वर्ग राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष के रूप में हंसराज गंगाराम अहीर भी हैं। भूपेंद्र यादव भाजपा के एक महत्वपूर्ण निकाय केंद्रीय चुनाव समिति के भी सदस्य हैं। सभी यादव नेता अलग-अलग राज्यों से हैं। भूपेंद्र यादव जहां राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं, वहीं सिंह हरियाणा से, राय बिहार से और अन्नपूर्णा देवी झारखंड से हैं। इसी तरह सुधा यादव हरियाणा से और अहीर महाराष्ट्र से हैं।
बीजेपी में यादव समुदाय के प्रमुख चेहरे।
यादव लगभग हिंदी हर्ट लैंड कहे जाने वाले सभी प्रदेशों में मौजूद हैं। इनमें हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और झारखंड शामिल हैं। वे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश और बिहार में भी अच्छी संख्या में मौजूद हैं। हालांकि, दोनों राज्यों के भीतर यादवों ने अपने राजनीतिक दल स्थापित किए हैं: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद)।
यादव वोटरों पर डोरे डालने की कवायद
अब चार केंद्रीय मंत्रियों, एक सीएम और दो पदाधिकारियों के साथ भाजपा अगले लोकसभा चुनाव से पहले इस समुदाय तक पहुंच बना रही है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यादव आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सहित दक्षिणी राज्यों और बंगाल में भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि यादव पारंपरिक रूप से हिंदू धर्म और उसकी प्रथाओं में दृढ़ विश्वास रखते हैं और पार्टी उन्हें अपनी पहली पसंद बनाना चाहती है।