रायपुर। छत्तीसगढ़ में कुम्भकर्णीय नींद सोई हुई प्रशासन की नींद अब सैंकड़ों क्विंटल धान के ख़राब होने के बाद खुल गयी है। रायपुर कलेक्टर भारतीदासन ने समय पर धान का उठाव नहीं करने वाले मिलर्स को नोटिस जारी किया है। वहीं सबसे बड़ी बात यह है कि खरीफ वर्ष की खरीद हुए लगभग 90 दिन बीत गए, इस बीच हुई बे मौसम बरसात ने प्रशासन की इस व्यवस्था की पोल खोल दी, लेकिन प्रशासन अपनी इस गलती पर पर्दा ढंकने राइस मिलर्स को ब्लैक लिस्टेड करने की नोटिस जारी कर रहा है।
रायपुर जिले के अरवा और उसना मिलर्स के द्वारा 2019-20 और 2020-21 के शासकीय धान उठाव की धीमी गति पर कलेक्टर की नजर अब दो साल बाद पडी है। इस पर दो साल बाद नजर डालने के बाद उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए 100 अरवा राइसमिलर्स को ब्लेक लिस्टेड करने संबंधी नोटिस जारी किया है। साथ ही 14 उसना राईस मिलर्स को भी कस्टम मिलिंग के अंतर्गत शासकीय धान के उठाव में रूचि नहीं लिये जाने के कारण नोटिस जारी किया गया है।
रायपुर जिले में 130 अरवा और 68 उसना राईस मिल पंजीकृत है। नियमानुसार पंजीकृत राईस मिलर्स को अपनी वार्षिक मिलिंग क्षमता के अनुसार 50 प्रतिशत क्षमता का उपयोग शासकीय धान की मिलिंग हेतु करना अनिवार्य है। इन 114 राइसमिलर्स द्वारा क्षमता अनुरूप शासकीय धान की कस्टकम मिलिंग नहीं किये जाने के कारण कलेक्टर रायपुर डॉ भारतीदासन द्वारा इस लापरवाही को गम्भीरता से लेते हुए 114 मिलर्स को छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चाँवल उपार्जन आदेश 2016 की कंडिका 3(2)] 3(3)] 4(5) एवं 9 का उपयोग करते हुए ब्लेक लिस्टेड करने संबंधी नोटिस जारी किया है। मिलर्स द्वारा समय सीमा में संतोषप्रद जवाब प्रस्तुत नही किये जाने पर संबंधित राईस मिलर्स को ब्लैकलिस्ट करने की कार्यवाही की जावेगी, जिसके आधार पर संबंधित मिलर्स चालू वर्ष एवं आगामी अवधि में मिलिंग कार्य नहीं कर पाएंगे।