उज्जैन
उज्जैन में आज बाबा महाकाल एक बार फिर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। आज कार्तिक अगहन मास की शाही सवारी निकाली जाएगी। मनमहेश स्वरूप में पालकी में सवार बाबा महाकाल शाही ठाठ बाट के साथ शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए प्रजा का हाल चाल जानेंगे।
सबसे आगे महाकालेश्वर मंदिर का रजत ध्वज
सवारी में सबसे आगे महाकालेश्वर मंदिर का रजत ध्वज रहेगा। इसके बाद पुलिस का अश्वरोही दल, पुलिस बैंड, सशस्त्र बल की टुकड़ी शामिल रहेगी। शाही सवारी में परंपरागत नौ भजन मंडल को शामिल होने की अनुमति भी रहेगी।
यह रहेगा शाही सवारी मार्ग
महाकालेश्वर मंदिर से शुरू होकर सवारी कोटमोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुंचेगी। यहां पुजारी शिप्रा जल से भगवान मनमहेश का अभिषेक कर पूजा अर्चना करेंगे। पूजन पश्चात सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, कार्तिक चौक, सत्यनारायण मंदिर टंकी चौराहा, तेलीवाड़ा, कंठाल चौराहा, सती गेट, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।
रूद्राक्ष व डमरू से सजेगा भस्म रमैया रथ
कार्तिक अगहन मास की शाही सवारी में इस बार भस्म रमैया भक्त मंडल का भस्म रमैया रथ भक्तों के आकर्षण का केंद्र रहेगा। मंडल संस्थापक प्रवीण मादुस्कर ने बताया शाही सवारी के लिए रथ को एक लाख रूद्राक्ष व डमरुओं से सजाया जा रहा है। राजाधिराज के नगर भ्रमण पर निकलने की खुशी में रथ से शंख, डमरू व बिगुल से मंगल ध्वनि की जाएगी। मंडल के सदस्य शिव प्रिय वाद्य यंत्र झांझ डमरू की मंगल ध्वनि करते चलेंगे। शिव रथ व झांझ डमरू बजाते युवाओं की टोली भक्तों को खासा आकर्षित करती है। बाहर से आने वाले श्रद्धालु आनंदित हो जाते हैं।
सभा मंडप में पूजन
हर बार की तरह शाम 4 बजे सवारी मंदिर से भ्रमण के लिए रवाना होगी। उसके पहले मंदिर के सभा मंडप में विधि अनुसार बाबा का पूजन अर्चन होगा। पूजन के पश्चात मुख्य द्वार पर सशस्त्र बलों की टुकड़ी महाकाल को सलामी देगी और सवारी का सिलसिला शुरू होगा।
ऐसी होगी सवारी
महाकालेश्वर की सवारी शाही ठाठ बाट के साथ निकलने वाली है। सवारी में सबसे पहले मंदिर का रजत ध्वज निकाला जाएगा और इसके पीछे अश्व दल की टुकड़ी, सशस्त्र बल की टुकड़ी, पुलिस बैंड और परंपरागत भजन मंडली शामिल होंगी। महाकाल मंदिर से निकलकर सवारी कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। यहां शिप्रा जल से बाबा का अभिषेक पूजन करने के बाद यह दानी गेट, ढाबा रोड, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए पुनः मंदिर पहुंचेगी।
ये होगा आकर्षण
ये कार्तिक-अगहन मास में निकलने वाली बाबा महाकाल की शाही सवारी है और इस सवारी में भस्म रमैया भक्त मंडल का रथ भक्तों के बीच आकर्षण का केंद्र रहने वाला है। सवारी के लिए इस रथ को विशेष तौर पर एक लाख रुद्राक्ष और डमरू से सजाया जा रहा है। सवारी के दौरान इस रथ से शंख, डमरू और बिगुल की मंगल ध्वनि बजाई जाएगी। इसके साथ डमरू और झांझ बजाते भक्तों की टोली हमेशा ही आकर्षण का केंद्र रहती है। सवारी देखने के लिए मार्ग के दोनों और श्रद्धालु पलक पांवड़े बिछाकर बाबा का स्वागत करते दिखाई देंगे।