रायपुर
आम उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है कि खाद्य तेलों की कीमतें अपने चार वर्ष पहले के स्तर पर लौटने लगी है। यह गिरावट विशेषकर सोया व पाम तेलों में आई है। सोयाबीन इन दिनों रिटेल में 97 से 99 रुपये प्रति लीटर तक बिक रही है। कोरोनाकाल में यह 150-160 रुपये लीटर तक बिका था। जनवरी-फरवरी 2023 में इसकी कीमत 125-130 रुपये लीटर तक पहुंच गई थी।
बाजार सूत्रों के अनुसार खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट के पीछेल मुख्य कारण आयातित तेलों के कारोबार में गिरावट है। बताया जा रहा है कि आयातित खाद्य तेलों का स्टाक ज्यादा हो गया है और इसके चलते लागत से कम पर भी इनकी बिकवाली जारी है।
कारोबारी प्रसन्न धाड़ीवाल ने बताया कि विदेशी आयातित तेलों की कीमतों में जबरदस्त गिरावट देखी जा रही है। मांग की तुलना में आवक भरपुर है,इसका असर ही खाद्य तेलों की कीमतों में देखने को मिल रहा है। आने वाले दिनों में कीमतों में और गिरावट आ सकती है।
खाद्य तेलों की यह है कीमतें
थोक बाजार में इन दिनों फल्ली तेल रिफाइन 2600 रुपये, पामोलीन 1480 रुपये, सोयाबीन रिफाइंड 1640 रुपये, रिफाइंड गोल्ड लाइन 1630 रुपये , सरसों तेल(लाल गुलाब) 2170 रुपये और फार्च्यून तेल 1630 रुपये प्रति डिब्बा बिक रहे है। बीते डेढ़ माह में थोक बाजार में खाद्य तेल 30 से 100 रुपये डिब्बा तक सस्ते हुए है।
इसी प्रकार रिटेल में सोयाबीन 97 से 99 रुपये प्रति लीटर, सरसों तेल 125 से 135 रुपये प्रति लीटर, फल्ली तेल 160 से 170 रुपये प्रति लीटर बिक रही है। करीब पौने दो वर्ष पहले फल्ली तेल 190 रुपये लीटर और सरसों तेल 200 रुपये लीटर पहुंच गए थे। कारोबारी सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में खाद्य तेलों की कीमतें और गिर सकती है।
दालों में स्थिरता
खाद्य तेलों की कीमतों में जहां गिरावट आई है। वहीं दो माह पहले लगातार बढ़ रही दालों की कीमतों में स्थिरता छा गई है। रिटेल में राहर दाल इन दिनों 160 रुपये किलो तक बिक रही है। वहीं चना दाल भी 80 से 85 रुपये किलो तक बिक रही है। हालांकि शक्कर की कीमतों में थोड़ी तेजी है और चिल्हर में शक्कर 41 से 45 रुपये किलो तक बिक रही है। बताया जा रहा है कि अभी शादी सीजन में शक्कर की मांग भी काफी ज्यादा बढ़ गई है।