मुंबई
एनसीपी नेता नवाब मलिक को लेकर इन दिनों महाराष्ट्र की सियासत गरमाई हुई है। शीतकालीन सत्र की शुरुआत महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अजीत पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट के बीच खींचतान के साथ शुरू हुआ। भाजपा ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ कथित संबंधों को लेकर नवाब मलिक की उपस्थिति पर आपत्ति जताई। वहीं, विपक्ष ने एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ भी इसी तरह के आरोप लगाए। भाजपा पर भी सवाल उठाया। नवाब मलिक की उपस्थिति पर आपत्ति जताने पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से सवाल करते हुए विपक्षी नेताओं ने भाजपा पर इकबाल मिर्ची के साथ कथित संबंधों के लिए एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया।
महाराष्ट्र में जिन नेताओं पर चल रही जांच:
नवाब मलिका- नवाब मलिक वर्तमान में स्वास्थ्य के आधार पर जमानत पर हैं। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस साल फरवरी महीने में गिरफ्तार किया था। उन्हें दाऊद इब्राहिम के साथ कथित संबंध और उसकी बहन हसीना पारकर को कुर्ला में एक जमीन हड़पने में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
प्रफुल्ल पटेल- एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल के स्वामित्व वाली वर्ली में एक व्यावसायिक इमारत की चार मंजिलें ईडी ने गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी इकबाल मिर्ची से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कुर्क कर ली थीं। जांच एजेंसी ने मिर्ची के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया और एनसीपी नेता के खिलाफ अपनी जांच जारी रखी।
अजित पवार- अपने चाचा शरद पवार को छोड़कर भाजपा-एकनाथ शिंदे गठबंधन में शामिल होने वाले अजित पवार जरांधेश्वर सहकारी चीनी मिलों की कम कीमत पर नीलामी में उनकी कथित भूमिका के लिए ईडी के रडार पर हैं।
यामिनी जाधव- आयकर विभाग ने 2019 में चुनावी हलफनामे में विसंगतियों को लेकर महाराष्ट्र के भायखला से विधायक यामिनी यशवंत जाधव को अयोग्य ठहराने की मांग की।
प्रताप सरनाईक- ईडी ने नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) घोटाले के सिलसिले में शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक के स्वामित्व वाली कंपनी के कई भूखंडों को अपने कब्जे में ले लिया है।
हसन मुश्रीफ- जनवरी 2023 में ईडी ने कथित तौर पर सहकारी चीनी मिल की खरीद में कथित अनियमितताओं की जांच के तहत कोल्हापुर और पुणे जिलों में एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री हसन मुश्रीफ से जुड़े कई परिसरों पर छापेमारी की थी। 2019 में भी आयकर विभाग ने मुशरिफ के आवासों और फैक्ट्री परिसरों पर छापेमारी की थी।
भावना गवली- मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गवली से जुड़े परिसरों की तलाशी ली। ईडी ने सत्ता का दुरुपयोग कर सरकारी अनुदान के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया।