बिलासपुर संभाग/ प्रदेश में सरकार किसी की भी हो लेकिन सिस्टम तो वही रहता है, 2012 में सिस्टम की भेंट चढ़ा था युवा आईपीएस अधिकारी राहुल शर्मा और वर्तमान में इसी सिस्टम की भेंट चढ़ गया पुलिस विभाग का ही एक आरक्षक पुष्पराज सिंह, इस बात की जनता एवं विभागों में जमकर चर्चा हो रही हैं। आरक्षक पुष्पराज सिंह की मौत के बाद सोशल मीडिया में एक क्रांति देखने को मिल रही हैं, जिसमें उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में हुए मौत ने सबको चौंका दिया हैं, जिसके चलते सोशल मीडिया में युवा वर्ग और संगठनों के द्वारा निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए जवान की मौत को हत्या बताया जा रहा, मृतक जवान एक होनहार नौजवान के साथ साथ एक दानवीर भी था, कोरोना संकट काल में आपदा कोष में इसके द्वारा एक वर्ष का वेतन भी दान कर दिया था। फेसबुक के माध्यम से यह भी पता चला कि उक्त पुलिस आरक्षक ने सीधे सीधे जिले के पुलिस कप्तान के ऊपर उंगली उठाई थी, युवा आरक्षक ने लिखा था कि मेरे ऊपर अगर किसी भी प्रकार की कोई कानूनी कार्रवाई या मेरी मौत होती है तो उसके लिए सीधे तौर पर जांजगीर एसपी जिम्मेदार हैं, यह पोस्ट 10 अप्रैल को डाली गई थी, उसके एक माह बाद 13 मई 2021 को संदिग्ध अवस्था मे इस युवा पुष्पराज की लाश मिलना संदेहास्पद तो है ही, वहीं परिजनों का मानना है कि पुष्पराज की मौत बिजली के करंट से नहीं बल्कि उसकी हत्या हुई है।
उसी प्रकार 12 मार्च 2012 को बिलासपुर में युवा आईपीएस राहुल शर्मा की लाश भी इसी तरह पुलिस ऑफिसर मेस के एक कमरे में पाई गई थी, वहां एक सुसाइड नोट भी मिला था और उसमें उच्चाधिकारियों की प्रताड़ना की बात सामने आई थी, मगर वह केस भी लगभग ठंडे बस्ते में चला गया था, यह माना जा रहा, स्व. राहुल शर्मा की मौत के बाद लगातार सिस्टम के ऊपर तोहमतें लगाई गई लेकिन जब आईपीएस अधिकारी की मौत सिस्टम की भेंट चढ़ गया तो क्या इस युवा आरक्षक पुष्पराज को न्याय मिल पाएगा ? यह भी संदेह के घेरे में हैं ? जिस युवा पुलिस कर्मचारी की एक वर्ष पहले प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल, और प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने पीठ थपथपाई थी और उसके एक वर्ष के वेतन को कोरोना महामारी के काल में दान के लिए उसे सराहा गया था क्या उस युवा को इस काई लगे सिस्टम से न्याय मिल पाएगा या फिर यह भी राहुल शर्मा की तरह गुम होकर रह जाएगा ? या इसकी भी फ़ाइल दफ्तरों में दफन हो जाएगी ? अब देखना है कि प्रदेश की संवेदनशील सरकार क्या एक्सन लेती है या फिर जांच के नाम पर खानापूर्ति कर युवा आरक्षक की फाइल बंद कर दी जाएगी। जानकारी मिली हैं कि घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए निष्पक्षता से जांच करवाने हेतु एसपी पारुल माथुर ने कलेक्टर को मजिस्ट्रियल जांच करवाने के लिए प्रतिवेदन भेजा हैं। कलेक्टर मजिस्ट्रियल जांच के सम्बंध में निर्णय ले कर जांच अधिकारी तय करेंगे।
सोशल मीडिया में हमेशा रहते थे एक्टिव, उठाते थे आवाज
उधर रात तक जवान की फेसबुक आई डी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। मृतक जवान पुष्पराज सिंह विगत 10 वर्षो से पुलिस प्रशाशन में सेवारत है और सोशल मीडिया के माध्यम से जवानों ओर स्वयं के साथ हुए दुर्व्यवहार को सबके समक्ष प्रस्तुत करता रहा है। इन 10 वर्षों में वह करीब कई बार सस्पेंड किया गया है और उस पर कई बार स्तीफा के लिए भी दबाव बनाया जा चुका है जिसका भी जवान ने सोशल मीडिया के माध्यम से विरोध किया था। बुधवार के दिन भी उसने अपने आला अधिकारियों को उसे सस्पेंड करने की चुनौती देते हुए एक पोस्ट डाली थी जिसके बाद गुरुवार की रात में ड्यूटी के दौरान ही उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी। जवान अपने आला अधिकारियों के द्वेषपूर्ण व्यवहार से दुखी था और इस विषय में अपने सामाजिक संगठनों और पारिवारिक व्यक्तियों से कई बार शिकायत भी कर चुका था, पुष्पराज का कहना था कि उसे सवर्ण समाज का होने के कारण वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हर बार ऐसे कार्य करने पर मजबूर किया जाता था जो नैतिकता का विरुद्ध था।
श्री राजपूत करनी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ने की मामले की निष्पक्ष जांच की मांग
वही इस मामले में श्री राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष आलोक सिंह परिहार ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि पुष्पराज के द्वारा पूर्व में भी ऐसी शिकायत उन्हें मिल चुकी है और उन्होंने उसे संगठन के द्वारा हर संभव सहायता का वचन दिया था। आलोक सिंह परिहार ने गृह मंत्रालय से जवान की मृत्यु की निष्पक्ष जांच की मांग की है और साथ ही चेतावनी भी दी है कि प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा अगर जवानों को इसी प्रकार प्रताड़ित किया जाता रहा तो सिस्टम चरमरा जाएगा,जवान ही इस सिस्टम की नींव है वही फील्ड में जाकर काम करते है लेकिन अधिकारियों के द्वारा उनके साथ हो रहे दुर्व्यवहार से कही न कही उनका हौसला टूटता है।
श्री राजपूत करनी सेना ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
श्री राजपूत करनी सेना के प्रदेश अध्यक्ष आलोक सिंह परिहार ने आगे कहाकि अगर पुष्पराज की मृत्यु की निष्पक्ष न्यायिक जांच नही की जाती है तो श्री राजपूत करणी सेना बड़ा जनांदोलन करेगी। साथ ही आरक्षक पुष्पराज को न्याय दिलाने तथा जबतक उसके मौत के दोषियों को सजा नही मिल जाती तबतक हमारे द्वारा ये लड़ाई जारी रखा जाएगा।आलोक सिंह ने थाना अधिकारी व पुलिस अधीक्षक को मृत्यु की जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत इस्तीफा देने की मांग की है।