कैनबरा
ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में अंतरिक्ष यात्रियों के साथ संचार करने में सक्षम एक नया टेलीस्कोप स्थापित किया गया। आधिकारिक तौर पर ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी में क्वांटम ऑप्टिकल ग्राउंड स्टेशन से अंतरिक्ष में डेटा भेजने और प्राप्त करने के लिए अनुकूली ऑप्टिकल तकनीक तथा लेजर का उपयोग करता है, जिससे अगली पीढ़ी के अंतरिक्ष मिशनों और उसके यात्रियों के साथ संचार और फिल्मांकन की अनुमति मिलती है।
कैनबरा के पश्चिम में ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी (एएनयू) माउंट स्ट्रोमलो वेधशाला पर स्थापित यह स्टेशन उन्नत संचार प्रौद्योगिकियों पर अनुसंधान भी करेगा। एएनयू इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस के निदेशक अन्ना मूर ने सरकारी मीडिया ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (एबीसी) को बताया, “वैश्विक संचार के लिए अगली पीढ़ी की क्षमता के मामले में यह विश्व में पहला है।” स्टेशन का निर्माण ऑस्ट्रेलियाई राजधानी क्षेत्र (एसीटी) की सरकार और ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी की चंद्रमा से मंगल ग्रह की पहल के समर्थन से किया गया है।
ब्रिटेन की नयी वीजा योजना पर भारतीय पेशेवरों का प्रतिनिधित्व करने वाले समूहों ने जताई चिंता
लंदन
ब्रिटेन सरकार की नई वीजा योजना के संबंध में स्पष्टता के अभाव को लेकर भारतीय कुशल पेशेवरों और स्वास्थ्य कर्मियों का प्रतिनिधित्व करने वाले समूहों ने चिंता जताई है।
इससे पहले ब्रिटेन के गृह मंत्री जेम्स क्लेवरली ने संसद में पांच सूत्री योजना पेश की थी, जिसके तहत विदेशी देखभाल कर्मियों पर अपने परिवारों को ब्रिटेन लाने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और कुशल श्रमिकों के लिए वेतन सीमा बढ़ाकर 38,700 ब्रिटिश पौंड निर्धारित की जाएगी।
भारतीय मूल के लगभग 80 हजार चिकित्सकों और 55 हजार नर्सों का प्रतिनिधित्व करने वाले ब्रिटेन के सबसे बड़े प्रतिनिधि निकाय ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ऑरिजिन (बीएपीआईओ) के संस्थापक डॉक्टर रमेश मेहता ने कहा, हम स्पष्टीकरण मांगने के लिए तत्काल गृह मंत्री को पत्र लिखेंगे, हमें उम्मीद है कि इस योजना में डॉक्टर और नर्स शामिल नहीं होंगे क्योंकि अगर ऐसा होता है, तो हम गृह मंत्रालय को बताना चाहते हैं कि भारत से ब्रिटेन आने वाले चिकित्सकों और नर्सों की संख्या जीरो हो जाएगी।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने आगाह किया है कि वेतन सीमा 38,700 पौंड करने से ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था के लिए ‘अनपेक्षित परिणाम’ हो सकते हैं।
फिक्की के महासचिव शैलेश पाठक ने कहा, “दुनिया विशेष रूप से आईटी, इंजीनियरिंग और अनुसंधान के क्षेत्र में अत्यधिक कुशल भारतीय पेशेवरों की ओर देख रही है। विदेशी कुशल श्रमिक वीजा के लिए ब्रिटेन की वेतन सीमा को देखते हुए, ऐसे भारतीय पेशेवर निश्चित रूप से अन्य देशों को चुनेंगे और इससे ब्रिटेन में व्यापार करने वाली भारतीय कंपनियां हतोत्साहित होंगी, क्योंकि ऐसी कंपनियां ब्रिटेन और भारत, दोनों ही देशों के पेशेवरों को रोजगार देती हैं।
नाइजीरिया में सेना के ड्रोन की चूक से हुए हमले में 85 लोगों की मौत, 66 घायल
-राष्ट्रपति ने मामले की गहन जांच के दिए आदेश
अबुजा
उत्तर पश्चिम नाइजीरिया में ड्रोन हमले में 85 लोगों की मौत हो गई और 66 अन्य घायल हो गए। सेना ने इसे हमले को चूक का परिणाम माना है। राष्ट्रपति बोला टिनुबु ने कहा कि देश के संघर्ष वाले क्षेत्र में सेना की गलती से हुई इस घटना बताई और इस हमले के सभी पहलुओं की गहन जांच करने का आदेश दिया है।
नाइजीरिया राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी (एनईएमए) के अनुसार इस हमले में मारे गए लोगों के 85 शव दफनाए जा चुके हैं। तलाशी अभियान जारी है। मारे गए लोगों में बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग थे। ये लोग पैगंबर मुहम्मद मावलिद अल-नबी का जन्मदिन मनाने के लिए जुटे थे। सरकार और सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि रविवार रात कडुना प्रांत के तुदुन बीरी गांव में आतंकियों और डाकुओं को निशाना बनाकर ड्रोन से हमला किया गया।
दशकों से उत्तरी हिस्से को अस्थिर करने वाले चरमपंथियों और विद्रोहियों पर नाइजीरियाई सेना अक्सर हवाई हमले करती है, जिसमें नागरिक भी हताहत होते हैं। जनवरी में नसरवा प्रांत में दर्जनों लोग मारे गए और दिसंबर 2022 में जामफारा प्रांत में भी दर्जनों लोगों की मौत हुई थी। लागोस स्थित एसबीएम इंटेलिजेंस सुरक्षा फर्म के अनुसार, 2017 के बाद से देश के उत्तर में सशस्त्र समूहों पर किए गए हवाई हमलों में लगभग 400 नागरिक मारे गए।