मध्यप्रदेश में 16वीं विधानसभा के लिए निर्वाचित 230 विधायकों में 205 करोड़पति हैं। इनमें से 102 विधायकों के पास 5 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। वहीं, 90 MLA पर आपराधिक केस दर्ज हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
यानी कुल विजेताओं में से 39 प्रतिशत अपराधी तो 15 प्रतिशत पर गंभीर अपराध दर्ज हैं।
वर्ष 2018 में 94 विधायकों ने अपराध व 47 ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए थे। विजेताओं की आर्थिक व आपराधिक पृष्ठभूमि पर रिपोर्ट एडीआर (एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स) ने जारी की है।
मध्य प्रदेश उम्मीदवारों द्वारा निर्वाचन आयोग को सौंपें गए शपथ पत्र के आधार पर तैयार रिपोर्ट के अनुसार विजेताओं में 205 करोड़पति हैं और इनकी औसत संपत्ति 11.77 करोड़ रुपये है। 2018 में विधायकों की औसत संपत्ति 10.17 करोड़ रुपये थी।
पुन: निर्वाचित होने वाले 101 विधायकों की औसत संपत्ति में पांच वर्ष में 4.60 करोड़ (37 प्रतिशत) की वृद्धि हुई है। एक हत्या के मामले में आरोपित है।
हत्या का प्रयास में पांच विजेता उम्मीदवार आरोपित हैं। भाजपा के 51, कांग्रेस के 38 और भारत आदिवासी पार्टी के एक विजेता ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
यही नहीं इसके अलावा भी कई दिलचस्प आंकड़े है, जिसे आपका जानना बेहद जरूरी है। 2023 के विधानसभा चुनाव में मालामाल विजेता उम्मीदवारों की संख्या बढ़ी है। वहीं पांचवी पास उम्मीदारों ने इस चुनाव में जीत का झंडा गाड़ा है। यहां देखें पूरा आंकड़ा….
चुनाव में आपराधिक पृष्ठभूमि के नेताओं का बोलबाला
230 में 39% (90) विजेता उम्मीदवार पर अपराधिक केस है। 15% (34) विजेता उम्मीदवार पर गंभीर आपराधिक केस है। सबसे ज्यादा 51 बीजेपी, 38 कांग्रेस के विजेता उम्मीदवार इसमें शामिल है।
2023 के चुनाव में मालामाल विजेता उम्मीदवारों की संख्या बढ़ी
89% (205) करोड़पति विजेता उम्मीदवार, 2018 के चुनाव में 81 फीसदी उम्मीदवार थे। करोड़पति, सबसे अमीर उम्मीदवारों में बीजेपी से रतलाम सीट से जीते चैतन्य कश्यप, विजयराघवगढ़ से जीते संजय पाठक, छिंदवाड़ा सीट से जीते कमलनाथ हैं,बीजेपी के 144 और कांग्रेस के 61 उम्मीदवार करोड़पति निकले।
5वीं पास भी जीते
- 28 फीसदी (28)विजेता उम्मीदवार 5 वीं से 12वीं पास है
- 70 फीसदी (161)विजेता उम्मीदवार ग्रेजुएट है
चुनाव जीतने वाली महिलाओं का प्रतिशत बढ़ा
- 12 फीसदी (27) महिला विजेता उम्मीदवार रहीं, 2018 के चुनाव में 9 फीसदी था।
बुजुर्ग उम्मीदवारों पर रहा सबसे ज्यादा भरोसा, युवाओं पर कम
- 31 से 40 आयु के 18 विजेता उम्मीदवार
- 41 से 50 आयु के 53 विजेता उम्मीदवार
- 51 से 60 आयु के 86 विजेता उम्मीदवार
- 61 से 70 आयु के 57 विजेता उम्मीदवार
- 71 से 80 आयु के 16 विजेता उम्मीदवार